राजस्थान के कैथून में महिलाएं अपनी बेटियों को न सिर्फ हैण्डलूम विरासत में देती हैं, बल्कि उसे बुनने की कला भी प्रशिक्षु रखकर सिखाती हैं. सांस्कृतिक रूप से समृद्ध इसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दिल अफ़रोज़ इन महिला 'कलाकारों' के सेल्फ-हेल्प ग्रुप आयोजित करते रहते हैं, ताकि वे घर बैठे ही हैण्डलूम से लाभान्वित हो सकें.