किसानों ने कृषि कानूनों (Farm laws) पर केंद्र सरकार (farmers Talks Proposal) के वार्ता के प्रस्ताव का जवाब दे दिया है. किसानों का कहना है कि सरकार बातचीत का ठोस एजेंडा पेश करे तो वह चर्चा को तैयार हैं, लेकिन संशोधन उन्हें मंजूर नहीं हैं. किसानों ने एक बार फिर सरकार पर आंदोलन को बदनाम करने का आरोप लगाया. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukta Kisan Morcha) कहना है कि सरकार अन्य किसान संगठनों से समानांतर वार्ता कर फूट डालने का प्रयास न करे.