दिल्‍ली में सड़कों पर और चलेंगी गोलियां, तीन दिन पहले रवीश कुमार ने दी थी चेतावनी

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  • प्रकाशित: फ़रवरी 01, 2020
आपकी दिल्ली बदल गई है.अब चीखने से क्या फायदा. देर तो बहुत हो चुकी है. यहां की सड़कों पर पिस्टल लेकर घूमने वाले आ गए हैं. वोट के लिए नहीं आए हैं. वो अब आपके पड़ोस में रहने लगे हैं. आप ही तो चुप थे. आप ही तो हां में हां मिला रहे थे. इसी तरह तो 1948 तक आते आते वो शख्स अकेला हो गया था. जिनके साथ वो 30 साल तक अहिंसा को लेकर संघर्ष करता रहा उन्हें के बीच अजनबी हो गया था. हिन्दू और मुसलमान की सनक सवार हो गई थी. उसी दिल्ली में. इसी दिल्ली में. 1948 में. 2020 में.

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