किसान आंदोलन (Farmers Protest)के समर्थन में सोशल मीडिया पर बनाई गई टूल किट और इस मामले में एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस सोमवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस की. दिल्ली पुलिस साइबर सेल के जॉइंट कमिश्नर प्रेमनाथ ने कहा कि ये टूल किट (Twitter Tool Kit) खालिस्तान संगठनों की मदद से बनाई गई थी. 4 फरवरी को टूलकिट की भनक दिल्ली पुलिस को लगी. 9 फरवरी को निकिता के खिलाफ सर्च वारंट जारी हुआ, 11 फरवरी को मुंबई में तलाशी के दौरान सबूत मिले, लेकिन अगले दिन वह फरार हो गई. पुलिस का कहना है कि 11 जनवरी को जो ज़ूम मीटिंग हुई जिसमें खालिस्तानी ग्रुप (Khalistani Group_ में शामिल कनाडाई महिला पुनीत के जरिये दिशा ,निकिता ,शांतनु और दूसरे लोगों को जोड़ा गया. टूलकिट में जैसा एक्शन प्लान था वैसा ही किया गया. दिशा ने टूलकिट ग्रेटा थनबर्ग को टेलीग्राम भेजी थी. दिशा के मोबाइल से काफी सबूत मिले,लेकिन काफी डेटा डिलीट कर दिया गया था.