मुंबई और थाणे के बीच स्थित घोड़बंदर रोड पर लॉकडाउन के चलते सामाजिक संस्थाएं लोगों का खाना बांटने में जुटी हुई हैं. ट्रांसिट कैंप में रहने वाले ज्यादातर ये लोग दूसरों को घरों में या तो काम करते हैं या रिक्शा चलाते हैं. मजदूरी करने वाले इन लोगों के पास खाने -पीने के लिए कुछ भी नहीं है. ये लोग लॉकडाउन के बाद पहले गांव जाने वाले थे लेकिन जैसे तैसे इन्हें रोका गया. स्थानीय एनजीओ द्वारा इन लोगों को खाना दिया जा रहा है. जिस तरह की भोजन की सप्लाई इन लोगों को मिलनी चाहिए थी वो नहीं मिल रही है. साथ ही सरकार की तरफ से इन लोगों की कोई जिम्मेदारी नहीं ली जा रही है. कमा कर रोज खाने वाले इन लोगों की हालत खराब है. खाना आता भी है तो अफरा तफरी की स्थिति बन जाती है.