जिस तरह से एक व्यक्ति को चिंता होती है, घबराहट होती है, बैचेनी होती है, इंग्लिश में एंजाइटी होती है. उसी तरह से एक राष्ट्र को भी एंजाइटी होती है. अब किसी भी राष्ट्र में दो प्रकार के नागरिक रहते हैं. एक वो समूह को जो सोशल मीडिया पर दिन-रात लगे रहते हैं. दूसरा वो समूह है जो सोशल मीडिया पर तो नहीं है, पर जिसके जनधन खाते से सीधे डायरेक्टली जुड़ा हुआ है, जिसके खाते में सरकार सीधे पैसे भेजकर उससे जुड़ी रहती है. उसका ख्याल रखती है. लेकिन जो सोशल मीडिया पर रहने वाला, विचरने वाला नागरिक है. उसका भी ख्याल सरकार करती है. या राजनीति करती है. या व्यवस्था करती है. या समाज करता है. समय-समय पर उसे मीम की आपूर्ति करता है. तरह तरह के वीडियो की आपूर्ति करता है और स्लोगन की आपूर्ति करता है.