छठ के अवसर पर कुछ गीत शारदा सिन्हा जी के कारण काफी लोकप्रिय हैं मगर छठ के समय अलग अलग हिस्सों में कई गीत गाए जाते हैं. ये सारे लोकगीत अपने आप में सामाजिक दस्तावेज़ भी हैं. जिनका कई तरह से पाठ किया जा सकता है.आज जो हम आपको गीत सुनाएंगे वो छठ की व्रत करने वाली महिला और गंगा नदी के बीच संवाद का है. इसमें दो शब्द हैं, जिनका ख़्याल रखिएगा. अररिया मतलब नदी का ऊंचा किनारा, इस नाम का बिहार में एक ज़िला भी है, और तेवई एक दूसरा शब्द आएगा जिसका मतलब व्रत करने वाली महिला. गंगा के सामने एक स्त्री रो रही है और अपनी व्यथा कह रही है.