रोहित की ख़ुदकुशी ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया दलितों के साथ किस तरह का बर्ताव होता है, खासकर कैंपस में। NDTV ने एक ख़ास सीरीज़ शुरू की है - कैंपस में जाति। इस कड़ी में पेश है सफ़दरजंग मेडिकल कॉलेज से रिपोर्ट। साल 2009 में डॉ. मनीष जब पटना से सफ़दरजंग मेडिकल कॉलेज आए तो लगा आखिरकार मुकाम हासिल हो गया लेकिन बहुत जल्द ही भ्रम तब टूटा जब सीनियर छात्रों ने चेतावनी दी कि दलित छात्र कॉलेज में अच्छा नहीं करते। डॉ. मनीष ने एनडीटीवी से बताया कि उनके बैच के दलित छात्र एक खास पेपर फिजियोलॉजी में ही कई बार फेल हुए थे और बहुत जल्द उन्हें भी इस कड़वे सच से गुजरना पड़ा।