कर्नाटक की 224 में से 222 सीटों के लिए शनिवार को वोट डाले गए. वोटों की गिनती 15 मई को होगी. तब साफ हो जाएगा कि कांग्रेस के शासन वाले राज्यों की गिनती चार ही रहेगी या घट कर तीन रह जाएगी. यह भी तय हो जाएगा कि मिशन 2019 के लिए बीजेपी दक्षिण के प्रवेश द्वार कर्नाटक को जीत पाएगी या नहीं. कर्नाटक के नतीजों का राष्ट्रीय राजनीति पर असर पड़ना स्वाभाविक है. इसलिए भी क्योंकि इसी चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने खुद को प्रधानमंत्री के दावेदार के तौर पर पेश किया. तो एक लिहाज से कर्नाटक के मतदाता यह संकेत भी देंगे कि वे 2019 में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं या नहीं.