सिनेमा टिकटों को 28 फीसदी टैक्स की सूची में रखने से फिल्मोद्योग को बहुत भारी झटका लगा है. फिल्म इंडस्ट्री ने सरकार के सामने सिनेमा टिकटों पर पांच फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा था जिससे कि नए सिनेमा में निवेश की कमी और बढ़ती ऑनलाइन पायरसी से इंडस्ट्री को रहात मिल सके. हालिया टैक्स प्रणाली में राज्य सरकार और स्थानीय निकाय द्वारा सिनेमा प्रदर्शन क्षेत्रों में सर्विस टैक्स, राज्य के वैट, और सिर्फ एंटरटेंमेंट टैक्स ही लगाया जाता है. सरकार द्वारा लिया जाने वाले एंटरटेंमेंट टैक्स की दरें सभी राज्यों और भाषाओं में औसतन 8 से 10 फीसदी है. इसलिए अगर देखा जाए तो जीएसीटी की दरें 12 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इससे करदाताओं को भी कोई नुकसान नहीं है.'