प्रत्यक्ष विदेशी निवेश या एफडीआई बीते दो दशक से अर्थव्यवस्था और सियासत दोनों के लिए अहम मुद्दे रहे हैं। हर सरकार को इसकी दरकार रही है लेकिन हर जमाने में इसका विरोध भी रहा है। कल के विरोधी आज समर्थक हैं और कई समर्थक विरोधी। इस लिहाज से आज का दिन काफी अहम है, जब एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा और एविएशन सरीखे क्षेत्रों में सौ फीसदी तक एफडीआई को हरी झंडी दे दी। इसके साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था को अब दुनिया की सबसे बड़ी खुली अर्थव्यवस्था कहा जाने लगा है। सरकार का दावा है कि इससे लोगों को बड़ी तादाद में नौकरियां मिलेंगी।