प्रयागराज का कुंभ में अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं. एक रंग नागा सन्यासी के दीक्षित होने का है तो उसी में एक रंग बटुक ब्राह्मणों का भी है. यह बटुक ब्राह्मण वेद का पाठ सीखते हैं, सनातन धर्म की शिक्षा लेते हैं और उसके बाद अलग अलग क्षेत्र में बड़े होने पर प्रवेश करते हैं. इसमें कुछ साधु बनते हैं कुछ सन्यासी तो कुछ भागवताचार्य. बनारस के श्री विद्या मठ के ऐसे ही बटुक ब्राह्मणों से बातचीत की हमारे संवाददाता अजय सिंह ने.