जिस शराबबंदी के लिए बापू ताउम्र लड़ते रहे, आज उनकी प्रतिमा और शराब के एक बार की लड़ाई में बाजी बार के हाथ लगी है। गुंटूर की इस सड़क पर बापू की प्रतिमा पिछले 23 सालों से लगी थी, लेकिन जब यहां बार खुला तो कुछ लोगों ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि बापू की प्रतिमा के पास बार नहीं खुल सकता। मामला प्रशासन तक पहुंचा और प्रशासन ने बार की जगह बापू की प्रतिमा को हटाना बेहतर समझा। [
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