भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर एक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भावुक हो गए। उन्होंने ‘मुकदमों की भारी बाढ़’ से निपटने के लिए जजों की संख्या को मौजूदा 21 हजार से 40 हजार किए जाने की दिशा में सरकार की ‘निष्क्रियता’ पर अफसोस जताते हुए कहा, ‘आप सारा बोझ न्यायपालिका पर नहीं डाल सकते’। तो चीफ जस्टिस के इस भावुक आग्रह से सवाल उठ रहे हैं कि क्या केंद्र और न्यायपालिका के बीच नियुक्तियों को लेकर खींचतान का नतीजा है और क्या सरकारें न्यापालिका को स्वतंत्र नहीं रहने देना चाहती? बड़ी खबर में देखें खास चर्चा...