सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले के विरोध और पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुभकामना देने के मामले पर सुनवाई करते हुए बड़ी टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि 5 अगस्त को, जिस दिन जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था, इसे "काला दिवस" के रूप में बताना विरोध और पीड़ा की अभिव्यक्ति है. और यदि राज्य के कार्यों की हर आलोचना का विरोध किया जाना सही है नही है. सरकार की आलोचना को धारा 153-ए के तहत अपराध माने जाने पर लोकतंत्र, जो संविधान की एक अनिवार्य विशेषता है, जीवित नहीं रहेगा.