दिल्ली की केजरीवाल सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार के उस बिल को मंज़ूरी देने से मना कर दिया है, जिसमें AAP के 21 विधायकों के संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग करने का प्रस्ताव था। इस इन विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गई है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि पार्टी के लिए अब आगे का रास्ता क्या होगा? बड़ी खबर की इस कड़ी में इसी मुद्दे पर खास चर्चा...