अयोध्या जमीन विवाद मामले में एक बार फिर नाय मोड आता दिख रहा है. दरअसल, इस पूरे मामले में एक फिर से मध्यस्थता की मांग की गई है. यह मांग सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने की है. बोर्ड ने इसे लेकर मध्यस्थता पैनल के तीन जजों को चिट्ठी भी लिखी है. बता दें कि इस मांग को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है. इससे पहले अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई के दौरान कुछ दिन पहले ही मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने अपनी कानूनी टीम के क्लर्क को धमकी की जानकारी कोर्ट को दी थी. धवन ने कोर्ट से कहा था कि ऐसे गैर-अनुकूल माहौल में बहस करना मुश्किल हो गया है. धवन ने कोर्ट को बताया था कि यूपी में एक मंत्री ने कहा है कि अयोध्या हिंदूओं की है, मंदिर उनका है और सुप्रीम कोर्ट भी उनका है. मैं अवमानना के बाद अवमानना दायर नहीं कर सकता.