इसे वक्त का तकाजा कहें या हद से ज्यादा बिगड़े हालात, मेहमान कंगारू टीम ने दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में वह फैसला लिया, जो इतिहास में पहले उसने या उसके किसी कप्तान ने नहीं लिया था. अगर आप यह सोच रहे हैं कि यह फैसला टॉस जीतकर पहले बैटिंग करना है, तो ऐसा तो अनगिनत बार हो चुका है. दरअसल कंगारुओं का यह फैसला तब सामने आया, जब टॉस जीतने के बाद उसकी इलेवन सामने आयी. और क्रिकेट पंडितों ने इस फैसले के अलग-अलग मायने निकालने शुरू कर दिए. अब यह फैसला कितना असरदार साबित होगा, यह देखने वाली बात होगी.