असम में 19 लाख लोग नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स से बाहर हैं. इनमें से क़रीब 14 लाख हिंदू बताए जा रहे हैं. इनमें क़रीब एक लाख गोरखा भी शामिल हैं जिनमें से क़रीब साठ हज़ार लोगों के नाम के आगे डाउटफुल वोटर लिख दिया गया है. अब नागरिकता संशोधन बिल यानी CAB आ रहा है. कुछ लोगों का मानना है नागरिकता बिल ऐसे 14 लाख हिंदुओं को नागरिकता देने का ज़रिया बनेगा. लेकिन NRC से जले लोगों को CAB पर ऐतबार नहीं हो रहा. यूपी, बिहार से गए हज़ारों प्रवासी ऐसे हैं जो NRC में नहीं हैं. उन्हें क्या नागरिकता बिल से जगह मिलेगी क्योंकि बिल तो पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश में सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों की बात करता है. यही नहीं 1971 से पहले बांग्लादेश से आए हिंदू भी हैं जो NRC से बाहर हैं, वो नागरिकता के लिए ये कैसे साबित करेंगे कि उनका धार्मिक उत्पीड़न हुआ. संजय चक्रवर्ती और रत्नदीप चौधरी की रिपोर्ट