असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिजन्स (NRC) की फाइनल लिस्ट में 19 लाख से ज़्यादा लोगों को जगह नहीं मिली है यानी उन पर विदेशी होने का ठप्पा लगने का ख़तरा है. हांलाकि उन्हें नागरिकता साबित करने के सारे क़ानूनी विकल्प दिए जाएंगे. वहीं बीजेपी के नॉर्थ ईस्ट के बड़े नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने रीवैरिफिकेशन यानी फिर से सत्यापन की मांग की है. बीजेपी इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकती है. इससे उभरते हैं हमारे आज के तीन सवाल हैं- 1.) क्या NRC की प्रक्रिया में खामियां हैं? 2.) क्या बीजेपी के लिए NRC का दांव उल्टा पड़ गया है? 3.) क्या NRC का रिव्यू किए जाने की ज़रूरत है?