लखनऊ में नागरिकता कानून के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह कहा कि इस बिल को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, मायावती, सपा और कम्युनिष्ट कांव-कांव चिल्ला रहे हैं. मैंने इस बिल को संसद में पेश किया है मैं चुनौती देता हूं कि इस बिल में किसी भी धारा में अगर किसी शख्स की नागरिकता छीनने की बाद है तो दिखाएं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हो रहा है. अमित शाह ने कहा, 'मैं मानवाधिकार के लोगों से पूछना चाहता हूं कि उस समय कहां चले गए थे जब कश्मीर से पंडितों को भगा दिया गया. इन 70 सालों से पीड़ित लोगों को नरेंद्र मोदी ने नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है. ये जो सिख, हिंदू और बौद्ध उनको नागरिकता दी गई. जिनको विरोध करना हो करे मैं डंके की चोट पर कहना चाहता हूं कि सिटिजनशिप एक्ट वापस नहीं होने वाला'.