Artificial Intelligence vs Humans: क्या दुनिया की सारी सरकारें आपको AI के बारे में आधा-अधूरा सच बता रही हैं? कहीं ऐसा तो नहीं कि एक दिन सुबह उठेंगे और पता चलेगा कि आप की ज़रूरत ही नहीं रही? कोई खतरा आसमान से नहीं आया, कोई युद्ध नहीं हुआ — लेकिन आपकी नौकरी, आपकी पहचान, आपकी जगह… सब कुछ मशीनों ने चुपचाप हथिया लिया। और आपको भनक तक नहीं लगी। ये सवाल जितना डरावना है, उतना ही ज़रूरी भी है। क्योंकि जो क्रांति आपके चारों ओर खामोशी से चल रही है, वो सिर्फ टेक्नोलॉजी की नहीं है.. ये इंसानी ज़िंदगी को दो हिस्सों में बांट देने वाली क्रांति है...एक तरफ़ वे लोग जो बदलने को तैयार हैं… और दूसरी तरफ़ वो करोड़ों लोग, जिनकी ज़िंदगी वो जीपीटी, वो कोड, वो एल्गोरिद्म बदल देंगे… जिनका मतलब तक उन्हें नहीं पता।