खालिस्तान समर्थकों द्वारा लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले और तोड़फोड़ के एक महीने बाद, एनआईए की एक टीम जल्द ही इस मामले की आतंकवाद विरोधी जांच के हिस्से के रूप में लंदन में होने की संभावना है. इस हमले को कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह पर भारत सरकार की कार्रवाई के प्रतिशोध के रूप में देखा गया था. इस बीच, लंदन में सिख समुदाय के सदस्यों के बीच एक असहज शांति है. हमलावर कौन थे और उन्होंने प्रतिक्रिया के लिए लंदन को क्यों चुना?