आपको क्या लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम चार बजे राष्ट्र के नाम संबोधन करेंगे तो हाथ में एक मशीन गन लेकर आएंगे और चीन की तरफ चलाने लगेंगे और युद्ध का ऐलान हो जाएगा. दो राष्ट्रों के बीच तनाव का जो मसला है वह वीडियो गेम का मसला नहीं है. वह ऐप भी नहीं है कि जब आपने चाहा दोपहर में, रात में या रात में 12 बजे के बाद डिलीट का बटन दबाया और डिलीट हो गया. यह सीरियस मसला है. और कब से आपके दिमाग में यह बात बैठ गई कि 80 करोड़ लोगों के बारे में, जो गरीब और साधारण लोग हैं, उनके बारे में कुछ कहा जाए या किया जाए तो वह बड़ी बात नहीं हुई. वो खबर नहीं हुई. यह बताता है कि खबरों की दुनिया में जिन लोगों का आधिपत्य है, जो अग्रिम मोर्चे पर है. जो पत्रकार ही नहीं, ट्विटर पर झांव-झांव भी करते रहते हैं वो लोग भी, जो माहौल बनाते हैं, उन लोगों की प्राथमिकता में भी ये गरीब लोग नहीं हैं.