बेसुध मां, पत्नी के सूखे आंसू... धराली में लापता पति की तलाश में भटक रही कोमल, झकझोर देगा परिवार का ये दर्द

धराली हादसे के आज 8 दिन हो गए. इस हादसे में लापता हुए लोगों के परिजनों का सब्र अब टूट रहा है. बुधवार को धराली गांव में कोमल नेगी मिलीं. जिनके पति इस हादसे के बाद से लापता है. कोमल पिछले 4 दिन से पति को जगह-जगह तलाश रही हैं. लेकिन उनका कहीं कुछ पता नहीं चल पा रहा है.

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शुभम नेगी की बेसुध मां और बदहवास पत्नी कोमल. इनसेट में शुभम की तस्वीर.
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  • धराली आपदा में मलबे के कारण करीब सौ से अधिक लोग लापता हैं, जिनके परिजन लगातार इंतजार कर रहे हैं.
  • प्रशासन ने लापता लोगों की खोज के लिए 60 से अधिक नामों की सूची बनाई है, लेकिन संख्या निश्चित नहीं है.
  • मुख्यमंत्री कार्यालय के गढ़वाल मंडल कोर्डिनेटर के अनुसार 15 से 30 दिन में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.
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धराली (उत्तराखंड):

Dharali Accident: खीर गंगा नदी के लाखों टन मलबे को पार कर, करीब सात सौ मीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर पुराने धराली गांव में चारों तरफ सन्नाटा पसरा है. यही सालों पुराने लकड़ी के मकान में 5-6 लोग बैठे दिखे. ये मकान 30 साल के शुभम का है. घर में पिता धर्मेंद्र नेगी, माता और उनके बगल में 26 साल की कोमल नेगी बैठी हैं. शुभम धराली के बाज़ार में एक होटल चलाते थे. धराली की त्रासदी से महज एक घंटे पहले ही उत्तरकाशी में नौकरी करने वाली कोमल की अपने पति शुभम से बात की थी.

सालभर पहले हुई थी कोमल की शादी

ये बातचीत लगभग इसी समय रोज़ाना होती थी. सालभर पहले ही कोमल की शादी शुभम से हुई थी. कोमल ने बताया कि ढाई बजे धराली के त्रासदी की खबर मिली तो शुभम को फोन मिलाया लेकिन उसका फोन नहीं मिला. फिर अपने ससुर धर्मेंद्र नेगी को फ़ोन किया पता चला कि शुभम का कोई अता-पता नहीं है.

धराली में शुभम की तलाश करते-करते थककर दीवार किनारे बैंठी मां और पत्नी.

प्रशासन ने तीन दिन तक मातली में रोके रखा

वो बस स्टेंड की तरफ भागी ताकि जल्दी से वो धराली पहुँचे लेकिन सड़क टूटी होने के चलते आवागमन बाधित था. फिर किसी ने बताया कि हेलीकॉप्टर धराली जा रहे हैं. वो मातली पहुँची. कोमल ने कहा कि मैं बार-बार कहती रही कि मुझे धराली ले चलें, मेरा पति लापता है लेकिन प्रशासन ने तीन दिन तक उनको मातली रोके रखा…

9 तारीख़ को फिर किसी तरह हेलीकॉप्टर से वो धराली पहुँची. तब से उन्होंने खुद कई जगह मलबे से पति को तलाशने की कोशिश की.

रोते हुए कोमल बोली- सरकार बताए मेरा पति जिंदा या मर गया

NDTV से बात करते कोमल ने कहा कि क्या राहत का काम चलाया जा रहा है, प्रशासन हमें ये बताए कि मेरा पति ज़िंदा है या मर गया. मुझे तो यहीं नहीं पता है कि क्या हो रहा है मेरे साथ. इतना कहकर वो रोने लगी. बगल में बैठे शुभम के पिता धर्मेंद्र नेगी की आँखें डबडबा गई. धराली की त्रासदी के बाद इन परिवारों के सामने जिंदगी और मौत के असमंजस का ये सवाल उनकी बेचैनी का बड़ा सबब बना हुआ हुआ है. ये सवाल एक दो घरों या परिवारों का नहीं बल्कि सौ से ज्यादा लापता परिवारों का है.

शुभम के पिता.

लापता लोगों के परिजनों पर दोहरी त्रासदी, मृत्यु प्रमाण पत्र कब मिलेगा?

धराली में सौ से ज़्यादा लापता लोगों का इंतज़ार कब खत्म होगा. ये सवाल कई बार अधिकारियों के सामने उठे हैं…आपदा में लापता लोगों के परिजनों का आरोप है कि अब तक केवल राशन ही दिया गया है. प्रशासन ये बता पाने में नाकाम रहा है कि लापता लोग ज़िंदा हैं या उनकी मौत हो चुकी है.

15-30 दिन में मिल सकेगा मृत्यु प्रमाण पत्र

एनडीटीवी ने जब यही बात मुख्यमंत्री कार्यालय के गढ़वाल मंडल के कोर्डिनेटर किशोर भट्ट से पूछा तो उन्होंने बताया कि पहले लापता लोगों के लिए सात साल का नियम था. लेकिन केदार नाथ में आई आपदा के बाद इस नियम को बदला गया था.

किशोर भट्ट ने कहा कि लापता लोगों के मोबाइल लोकेशन और स्थानीय निवासीयों के बयान के आधार पर न्यायिक जांच की जा रही है..लेकिन थोड़ा सा वक्त लग सकता है. किशोर भट्ट ने कहा कि लेकिन ये सारी प्रक्रिया बहुत तेज़ी से हो रही है. उम्मीद है कि 15-30 दिनों के भीतर मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा.

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प्रशासन ने 60 से ज्यादा लापता लोगों की लिस्ट बनाईः सूत्र

सूत्रों ने बताया कि फ़िलहाल लोगों के बयान के आधार पर 60 से ज़्यादा लापता लोगों की एक सूची पुलिस प्रशासन ने बनाया है. लेकिन अब तक निश्चित तौर पर कितने लोग इस आपदा की भेंट चढ़ें हैं, इसका सीधा जवाब प्रशासन के पास नहीं है. धराली में लाखों टन मलबा है.

बड़े-बड़े पत्थर और सड़क नेटवर्क के बह जाने के चलते लापता लोगों की खोज का काम लगभग असंभव होता जा रहा है. ऐसे में परिजनों का इंतज़ार…वक्त बीतने के साथ अपनों को गँवाने का ज़ख़्म क्या कभी भर पाएगा…इस सवाल का उत्तर मैं आप पर छोड़ता हूँ.

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