उत्तराखंड में अस्पताल से लौटते वक्त नर्स से रेप, 9 दिन बाद यूपी में मिला शव

पीड़िता 30 जुलाई की शाम को उत्तराखंड के अस्पताल से निकली थी लेकिन उत्तर प्रदेश के बिलासपुर में अपने किराए के आवास पर नहीं पहुंची, जहां वह अपनी 11 साल की बेटी के साथ रहती थी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

उत्तराखंड (Uttarakhand) में कार्यरत एक नर्स की रेप के बाद हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार महिला एक प्राइवेट हॉस्पिटल में कार्यरत थी और वो उत्तराखंड- उत्तर प्रदेश के बॉर्डर के निकट ही रहती थी.  वह 30 जुलाई की शाम को अस्पताल से निकली और सीसीटीवी फुटेज (CCTV footage) में रुद्रपुर के इंद्रा चौक से ई-रिक्शा लेते देखी गई, लेकिन उत्तर प्रदेश के बिलासपुर में काशीपुर रोड पर अपने किराए के आवास पर नहीं पहुंची, जहां वह अपने 11 साल की बेटी के साथ रहती थी.

अगले दिन, पीड़िता की बहन ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई.  आठ दिन बाद 8 अगस्त को उत्तर प्रदेश पुलिस को उसका शव डिबडिबा गांव में उसके घर से लगभग 1.5 किमी दूर एक खाली प्लॉट में मिला.  पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस टीम गठित कर दी गयी है.जांच टीम ने पीड़िता की चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगाया है. 

मोबाइल फोन की बरामदगी के बाद पुलिस आरोपी तक पहुंची. आरोपी उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाला है. आरोपी दिहाड़ी मजदूर है पुलिस ने उसे राजस्थान से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया है कि नशे में धुत धर्मेंद्र ने पीड़िता को देखा, उसका पीछा किया और उस पर हमला कर दिया जब वह अपने अपार्टमेंट की इमारत में प्रवेश करने वाली थी. घटना को लेकर उधम सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने कहा कि आरोपी उसे पास की झाड़ियों में खींच ले गया था. उसके साथ उसने बलात्कार किया और उसके दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया.  पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने पीड़िता का फोन और पर्स से 3,000 रुपये भी चुरा लिए. 

Advertisement

कोलकाता की घटना को लेकर देश भर में आक्रोश
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई निर्ममता को लेकर दिल्ली एम्स में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है. महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए आज एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने कैंडल मार्च निकाला. प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर ने कहा कि आज के समय में डॉक्टरों की सुरक्षा बड़ा सवाल बन गई है, ऐसे में सरकार बिना किसी देरी के तुरंत सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करें. जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हमें न्याय चाहिए क्योंकि हम समाज की सेवा करते हैं. ऐसे में अगर हमारे साथ इस प्रकार घटना होगी तो कोई भी डॉक्टर बनने का सपना नहीं रख पाएगा.

Advertisement

बता दें कि महिलाओं ने बुधवार की रात को 'वूमन, रिक्‍लेम द नाइट' विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान कोलकाता में रात करीब 11 बजे कुछ लोग आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में घुस गए थे, जहां पर उन लोगों ने वाहनों पर हमला किया गया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे थे. 

Advertisement

ये भी पढ़ें-:

IMA की 17 अगस्त को पूरे देश में हड़ताल, कहा- अस्‍पतालों को घोषित किया जाए सेफ जोन

Featured Video Of The Day
Sambhal BREAKING: Jama Masjid के करीब मिला मृत्यु कूप, पास में ही मृत्युजंय Mahadev Mandir का दावा
Topics mentioned in this article