- उत्तराखंड वन विभाग ने क्रिसमस और नए साल के दौरान वन्यजीवों और वन संपदा की सुरक्षा के लिए हाई अलर्ट जारी
- साल के अंतिम हफ्ते में रिजर्व फॉरेस्ट और प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट क्षेत्रों में वनकर्मियों की गश्त बढ़ाई गई है
- PCCF रंजन कुमार मिश्रा ने फील्ड कर्मियों को मेडिकल इमरजेंसी के अलावा छुट्टी न देने के निर्देश दिए हैं
क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए सभी तरह की तैयारी चल रही है. पर्यटक स्थलों पर होटल ,रिसोर्ट को सजाने की तैयारी चल रही है लेकिन उत्तराखंड वन विभाग हाई अलर्ट पर है. हाई अलर्ट वन्यजीवों और वन संपदा की सुरक्षा के लिए उत्तराखंड वन विभाग के वनकर्मी और अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. जब क्रिसमस और नए साल का जश्न लोग मना रहे होंगे, तब उत्तराखंड वन विभाग के वनकर्मी और अधिकारी वन्यजीवों और वन संपदा की सुरक्षा में लगे होंगे.
हाई अलर्ट पर पूरा फॉरेस्ट डिपार्टमेंट
उत्तराखंड वन विभाग ने अपने सभी फॉरेस्ट रेंजर वनकर्मी और फॉरेस्ट गार्ड सहित सभी फॉरेस्ट के अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है और यह हाईअलर्ट इसलिए रखा है क्योंकि वन्यजीवों का शिकार करने वाले शिकारी इस समय कहां भरपूर फायदा उठाने की फिराक में रहते हैं. साथ ही जंगलों में मौजूद देश कीमती पेड़ों की भी चोरी करने की कोशिश से भी की जाती है. वन संपदा और वन्यजीवों को कोई नुकसान ना हो इसके लिए उत्तराखंड वन विभाग ने एक फूल प्रूफ प्लान बनाया है.
फॉरेस्ट एरिया में बढ़ाई गई गश्त
इस प्लान में रिजर्व फॉरेस्ट और प्रोटेक्ट फारेस्ट एरिया की सुरक्षा के लिए साल के अंतिम हफ्ते में गश्त बढ़ाई गई है. फॉरेस्ट गार्ड और वन कर्मियों की संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. उत्तराखंड में 6 नेशनल पार्क, 7 वाइल्डलाइफ सेंक्चुअरी, 4 कंजर्वेशन रिजर्व और 1 बायोस्फीयर रिजर्व. जिनमे वन संपदा और वन्यजीव भरपूर मात्रा में है और इनकी सुरक्षा भी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है यही वजह है कि राज्य में हाई अलर्ट रखा गया है.
अधिकारियों को दिए ये निर्देश
उत्तराखंड वन विभाग के PCCF रंजन कुमार मिश्रा ने NDTV को बताया कि वन कर्मियों, फॉरेस्ट गार्ड और अधिकारियों को निर्देश जारी किए है कि वे सभी साल के अंतिम दिनों में हाई अलर्ट पर रहे. PCCF रंजन कुमार मिश्रा ने कहा कि सभी प्रदेश के नेशनल पार्क, वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, कंजर्वेशन रिजर्व और बायोस्फीयर रिजर्व की सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट रखा गया है. वन विभाग के मुखिया रंजन कुमार मिश्रा ने बताया कि फील्ड कर्मियों को मेडिकल इमरजेंसी के दौरान ही छुट्टी दी जाएगी.
वन कर्मियों को नहीं मिलेगी छुट्टी
इसके अलावा किसी भी फील्ड अफसर या अन्य वन कर्मियों को छुट्टी नहीं दी जाएगी जब तक ज्यादा जरूरी ना हो. उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर और अंतर राज्य बॉर्डर्स पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश है. जंगलों की सुरक्षा में ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जाएगा. उत्तराखंड के सभी रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी. उत्तराखंड वन विभाग के पीसीएफ रंजन कुमार मिश्रा ने बताया कि वनकर्मी फील्ड कर्मियों और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह स्थानीय निवासियों और गांव के लोगों से नियमित रूप से बातचीत करें और वन विभाग का खुफिया तंत्र भी सक्रिय रहे.
फॉरेस्ट के पास के होटल के लिए एडवाइजरी जारी
उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर नेशनल पार्क और राजाजी टाइगर नेशनल पार्क के अलावा रिजर्व फारेस्ट की सीमाओं से लगे होटल, रिजॉर्ट के लिए एडवाइजरी भी की गई है. जिसमें नेशनल पार्क और रिज़र्व फॉरेस्ट एरिया की 500 मीटर की परिधि में कोई होटल या रिजॉर्ट है तो नए साल और क्रिसमस का जश्न कम शोर में मनाया जाए. क्योंकि मानकों के मुताबिक 40 डेसीबल से ज्यादा शोर नहीं होना चहिए. साथ ही आम लोगों के साथ पर्यटकों के लिए वन विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है जिसमे कोहरे और सुबह ,शाम के समय जंगलों की सीमा के आसपास न जाये, जंगलों के क्षेत्रों बीके पास वाहन पार्क न करें. जश्न के दौरान तेज रोशनी और शोरगुल ना करें..














