प्यास भी बुझ रही, मौज-मस्ती भी... भीषण गर्मी में वन्यजीवों की प्यास बुझा रहे रिजर्व फॉरेस्ट में बने ये जलाशय

राजाजी टाइगर नेशनल पार्क के चीला वाली रेंज में बने वाटर होल्स यानी जलाशय 10 मीटर से लेकर 70 मीटर तक चौड़े है. इनमें पानी भी भरपूर मात्रा में है. जब ये वाटर होल भर जाते हैं तो उनका पानी बर्बाद नहीं होता. जानिए कैसे हो रही है पानी की बचत?

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राजाजी नेशनल पार्क में बनाए गए बड़े-बड़े जलाशय.
हरिद्वार:

इंसान हो या जानवर प्यास सबको लगती है. मौसम गर्मी का हो तो  प्यास बुझाने के लिए वन्य जीव पानी की तलाश जंगल से लेकर मानव बस्ती तक करते हैं. ऐसे में मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ जाती है. इसलिए उत्तराखंड वन विभाग ने  जानवरों की प्यास बुझाने के लिए जंगल में ही बड़े-बड़े जलाशय बना दिए हैं. पानी के बड़े बड़े  जलाशयों को वाटर होल कहते है. ये जलाशय राजाजी टाइगर नेशनल पार्क (Rajaji National Park) के चिल्लावाली रेंज में बनाए गए हैं. जानवरों की प्यास बुझाने के लिए एक या दो नहीं बल्कि आधा दर्जन जलाशय बनाए गए हैं. 

(राजाजी नेशनल पार्क में बनाए गए बड़े-बड़े जलाशय0

प्यास भी बुझ रही, मौज-मस्ती भी कर रहे

वाटर होल में ये वन्य जीव मौज मस्ती करते हुए भी देखे जाते हैं. नेशनल पार्क में ये जलाशय बिना बिजली का उपयोग के ग्रेविटी सिस्टम और प्राकृतिक स्रोत के जरिए बनाए गए हैं, जो एक दूसरे से इंटरनेट कनेक्ट हैं. इनमे साल भर पानी की उपलब्धता भरपूर मात्रा में रहती है. जिनसे बड़े बड़े वन्यजीवों को ही नहीं  बल्कि पक्षियों ,मछलियां और कछुआ जैसी पानी की प्रजातियों को भी फायदा पहुंच रहा है. यही वजह है कि वन्य जीव यहां तेजी से फल-फूल रहे हैं. 

(जलाशयों से बुझ रही जानवरों की प्यास)

इंटर कनेक्ट वाटर होल से हो रही पानी की बचत

राजाजी टाइगर नेशनल पार्क के चीला वाली रेंज में बने वाटर होल्स यानी जलाशय 10 मीटर से लेकर 70 मीटर तक चौड़े है. इनमें पानी भी भरपूर मात्रा में है. जब ये वाटर होल भर जाते हैं तो उनका पानी बर्बाद नहीं होता. बल्कि इंटर कनेक्ट होने की वजह से इनका पानी दूसरे वाटर होल्स में चल जाता है, जिससे पानी की बचत भी होती है और इन जलाशय में साल भर पानी भी भरा रहता है. 

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(उत्तराखंड का राजाजी नेशनल पार्क)

अब छोटे-छोटे जलाशय बनाए जा रहे

राजाजी टाइगर नेशनल पार्क करीब 8-9 साल पहले पानी की बेहद किल्लत थी. इसी को देखते हुए आईएफएस अधिकारी पीके पात्रों ने वाटर होल प्रोजेक्ट को शुरू किया था. अब छोटे-छोटे जलाशय बनाने का काम शुरू किया जाएगा. हालांकि इन जलाशयों को बनाना कोई आसान काम नहीं था. जंगल में जानवरों को पानी उपलब्ध करवाना सबसे मुश्किल काम है. इसी वजह से इनवर्टर होल्स को डेवलप किया जा रहा है और इनको मेंटेन भी किया जा रहा है.  अब ये जलाशय जंगल की लाइफ लाइन बन चुके हैं. 

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