जिम कॉर्बेट का ढिकाला जोन पर्यटकों के लिए खुला, क्यों रहता है इसके खुलने का हर किसी को इंतजार

कॉर्बेट पार्क का ढिकाला जोन हर वर्ष 15 जून को मानसून सीजन के शुरुआत में बंद कर दिया जाता है, क्योंकि इस दौरान जंगल क्षेत्र में नदी-नाले उफान पर रहते हैं और सड़कें टूटने का खतरा बना रहता है.

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  • जिम कॉर्बेट के ढिकाला जोन को मानसून के बाद 15 नवंबर को पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिया गया है
  • ढिकाला जोन में नाइट स्टे की सुविधा उपलब्ध है और यहां कुल इकतालीस कमरे पर्यटकों के लिए हैं
  • पर्यटकों को जंगल सफारी के लिए प्रतिदिन आठ कैंटर उपलब्ध कराए जाते हैं
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देहरादून:

विश्वप्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के सबसे चर्चित और पसंदीदा ढिकाला पर्यटन जोन को आखिरकार पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. हर वर्ष की तरह इस बार भी मानसून के बाद आज 15 नवंबर की सुबह ढिकाला गेट में रौनक लौट आई. सुबह ठीक 6 बजे धनगढ़ी गेट पर कॉर्बेट प्रशासन के अधिकारियों ने पर्यटकों का फूल-मालाओं से स्वागत किया और वन अधिकारियों ने पहली सफारी पर रवाना होने वाले पर्यटक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर ढिकाला जोन में प्रवेश कराया.

क्यों खास है जिम कॉर्बेट का ढिकाला जोन

कॉर्बेट पार्क का ढिकाला जोन हर वर्ष 15 जून को मानसून सीजन के शुरुआत में बंद कर दिया जाता है, क्योंकि इस दौरान जंगल क्षेत्र में नदी-नाले उफान पर रहते हैं और सड़कें टूटने का खतरा बना रहता है. लेकिन जैसे ही बरसात समाप्त होती है, ठीक 15 नवंबर को ढिकाला जोन को फिर से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए खोल दिया जाता है. ढिकाला जोन को सबसे खास इसलिए माना जाता है क्योंकि यहां डे विजिट कैंटर सफारी के साथ-साथ जंगल के बीचों-बीच बने गेस्ट हाउस में नाइट स्टे की सुविधा भी उपलब्ध है, जो इसे कॉर्बेट का सबसे रोमांचक और लोकप्रिय जोन बनाती है.

देश-विदेश से पहुंच रहे पर्यटक

ढिकाला खुलते ही पहले ही दिन देश और विदेश से पहुंचे पर्यटकों में भारी उत्साह देखने को मिला. धनगढ़ी गेट पर सुबह से ही पर्यटकों के वाहनों की लाइन लग गई थी. जैसे ही गेट खुला, पर्यटक ख़ुशी से झूम उठे. कई लोगों ने बताया कि उन्होंने महीनों पहले ही ऑनलाइन बुकिंग की थी ताकि ढिकाला में एक रात रुकने का अनुभव प्राप्त कर सकें. पर्यटकों का कहना था कि उनका सबसे बड़ा सपना बंगाल टाइगर, हाथियों के विशाल झुंड, हिरण, गुलदार, अन्य प्रजातियां, हिरण, घुरल, जंगली सूअर, मगरमच्छ और दुर्लभ पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास में देखना है.

जिम कॉर्बेट क्यों लोगों की पसंद

कुछ पर्यटकों ने कहा कि कॉर्बेट का ढिकाला जोन उन्हें दुनिया के टॉप फॉरेस्ट सफारी स्पॉट्स में से एक लगता है. घना जंगल, रामगंगा नदी और वन्यजीवों की विविधता इसे बेहद रोमांचक बनाती है. ढिकाला जोन की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 31 दिसंबर तक सभी कमरे और नाइट स्टे पूरी तरह बुक हो चुके हैं. वन विभाग के अनुसार, ढिकाला में कुल 41 कमरे उपलब्ध हैं. मुख्य ढिकाला कैंप – 28 कमरे,सुल्तान – 2 कमरे,गैरल – 6 कमरे,खिनानौली – 3 कमरे,सर्फदुली रेंज – 2 कमरे, इसके अलावा 20 बेड की डॉरमेट्री भी उपलब्ध कराई गई है.

जिम कॉर्बेट का खर्च

जिन पर्यटकों को इस सीजन बुकिंग नहीं मिल सकी है, उन्हें अगले साल जनवरी-मार्च के स्लॉट के लिए फिर से प्रयास करना होगा. ढिकाला जोन में डे सफारी के लिए प्रतिदिन 8 कैंटर संचालित किए जाते हैं. सुबह की पाली 4 कैंटर, शाम की पाली 4 कैंटर. एक कैंटर में 16 पर्यटक जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं. डे सफारी के लिए एक पर्यटक को लगभग ₹2000 का परमिट कटता है. पर्यटकों का कहना है कि जंगल में टाइगर साइटिंग का सबसे अधिक मौका ढिकाला जोन में ही मिलता है.

ढिकाला में नाइट स्टे की बात करें, तो एक कमरे का परमिट लगभग 5000 में मिलता है, लेकिन इसके अलावा कई खर्चे अलग से होते हैं. जिप्सी हायर चार्ज लगभग ₹6000, नेचर गाइड शुल्क लगभग ₹2000. वहीं खाने के लिए प्रति व्यक्ति एक समय का लगभग ₹400. इसके बावजूद नाइट स्टे की बुकिंग हमेशा एडवांस में फुल रहती है. पर्यटक कहते हैं कि जंगल में रात बिताने का अनुभव दुनिया के किसी भी होटल से कई गुना बेहतर है, क्योंकि रात में बाघ, चीते और कई वन्यजीवों की आवाजें साफ सुनी जा सकती हैं.

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ढिकाला जोन की खासियतें

इस जोन में टाइगर साइटिंग की सर्वाधिक संभावना रहती है, क्योंकि यहां विशाल घास के मैदान है. रामगंगा नदी के किनारे बसे जंगल, हाथियों के बड़े झुंड, मगरमच्छ, घड़ियाल देखे जा सकते हैं. यहां 500 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां रहती है. इसी कोर एरिया में लोग रात गुजारते हैं. यही कारण है कि ढिकाला को कॉर्बेट का हार्ट ऑफ द जंगल कहा जाता है. धनगढ़ी गेट पर पर्यटकों के स्वागत और सफारी की शुरुआत करने के दौरान क्षेत्रीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट,कॉर्बेट पार्क के डिप्टी डायरेक्टर, रेंजर और वनकर्मियों की टीम मौजूद रही.

ढिकाला जोन खुलने के साथ ही स्थानीय लोगों, होटल कारोबारियों, गाइड, जिप्सी मालिकों और कैंटर चालकों में उत्साह की लहर है. माना जा रहा है कि इस पर्यटन सीजन में करीब 2 लाख से अधिक पर्यटक कॉर्बेट पार्क का रुख कर सकते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को करोड़ों का फायदा होता है. ढिकाला जोन का खुलना सिर्फ पर्यटकों ही नहीं, बल्कि पूरे रामनगर क्षेत्र के लिए खुशी की खबर है. प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीवों की भरमार और रोमांचक सफारी को लेकर पर्यटकों में भारी उत्साह है.

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