सोमेश्वर देवता को रक्षक क्यों बता रहे धराली के लोग? जानिए मंदिर ने कैसे बचाई लोगों की जान

स्थानीय निवासियों का कहना है कि सोमेश्वर महादेव के मंदिर को और मंदिर के आसपास घरों को नुकसान नहीं पहुंचा. मंदिर में भी सब कुछ ठीक रहा. यह सब सोमेश्वर महादेव की कृपा है.

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धराली से NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट.
धराली (उत्तराखंड):

तारीख- 5 अगस्त 2025, दिन- मंगलवार, समय दोपहर के करीब 1.25 बजे. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पहाड़ों पर स्थित धराली में अचानक एक ऐसा सैलाब आया जिसने सालों की मेहनत से बसे गांव को वीरान कर दिया. आज यहां दूर-दूर तक मलबा फैला है. मलबे की मोटी परत के नीचे घर, दुकान, मकान, होटल, सड़क, मंदिर, इंसान सब दफन हो गए. NDTV की टीम इस समय धराली में मौजूद है. शनिवार को NDTV की टीम धराली के कुल देवता सोमेश्वर मंदिर में पहुंची. जो इस समय वहां के लोगों की शरणस्थली बन चुका है. वहां मौजूद स्थानीय लोगों ने बताया कि धराली में जिस वक्त आपदा आई, उस समय कुल देवता सोमेश्वर महादेव के मंदिर में पूजा-अर्चना हो रही थी.

धराली गांव में 5 अगस्त को जो सैलाब आया उसने पूरे एक गांव को तबाह कर दिया हजारों टन मलबा जिसमें बड़े-बड़े बोल्डर थी. कहीं 40 फीट तो कहीं 30 फीट तक यह मलबा पूरी तरह से फैल गया है. पूरा गांव इसके नीचे समाया हुआ है. हालांकि गांव के पास पहाड़ी पर कुछ ऊंचाई पर स्थित सोमेश्वर नाथ मंदिर और उसके आस-पास के कुछ मकान सुरक्षित बच गए. 

धराली के कुल देवता सोमेश्वर नाम का मंदिर, यह अभी यहां के लोगों का शरणस्थली बन चुका है. तस्वीर शनिवार दोपहर की है.

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2 बजे से होनी थी मेले की शुरुआत, 1.25 बजे आया सैलाब

लोगों ने बताया कि वहां एक बड़े मेले का आयोजन होना था. गांव वालों के मुताबिक 2:00 बजे मेले की शुरुआत होनी थी, उससे पहले मेले की तैयारी चल रही थी. पूजा-अर्चना चल रही थी लेकिन 1:25 पर सैलाब आया और उसने पूरे इलाके को तबाह कर दिया. जैसे ही लोगों को पता चला तो तुरंत सभी लोग मंदिर से पहाड़ियों की तरफ भागे.

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सोमेश्वर देवता की पालकी.

स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस हादसे में लोगों की और ज्यादा जान जा सकती थी क्योंकि 1:00 बजे का समय लोग घर में आराम से दिन का खाना खाकर आराम करते हैं. लेकिन सभी गांववासी मंदिर में मौजूद थे, इसलिए जब सैलाब आया तो सभी वहां से भाग कर पहाड़ियों पर चले गए.

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स्थानीय निवासियों का कहना है कि सोमेश्वर महादेव के मंदिर को और मंदिर के आसपास घरों को नुकसान नहीं पहुंचा. मंदिर में भी सब कुछ ठीक रहा. यह सब सोमेश्वर महादेव की कृपा है.

धराली के बच्चों ने कहा- सोमेश्वर महाराज ने बचाई जान, देखों मंदिर पर आंच नहीं आई

धराली के कुछ बच्चों ने उस दिन की पूरी कहानी बताई. खुशी नामक एक बच्ची ने बताया कि हम उस समय मंदिर में थे. पूजा हो रही थी. अचानक से सैलाब आया. फिर लोग पहाड़ की ओर से भागे. इन बच्चों का हर्षिल में स्कूल है. वहीं मिली एक बच्ची साक्षी ने बताया कि लेकिन सोमेश्वर महाराज की कृपा से हम लोग बच गए. आप देखो इस मंदिर पर कुछ भी आंच नहीं आई है.

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