ग्राउंड रिपोर्ट: हर्षिल में भी तबाही मचाएगी भागीरथी नदी? लोगों की क्यों उड़ी नींद, कैसे कृत्रिम झील बनी मुसीबत

स्थानीय लोगों के अनुसार मलबा न हटने की वजह से भागीरथ नदी का हर्षिल के पास बहाव तेज हो गया और भागीरथी नदी का बहाव हर्षिल गांव की तरफ़ ज़्यादा मुड़ गई है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
धराली के बाद अब हर्षिल को डरा रही है भागीरथी नदी
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा के बाद भागीरथी नदी ने अपनी दिशा बदलकर हर्षिल में खतरा बढ़ा दिया है.
  • श्रीकंठ पर्वतमाला से टूटे ग्लेशियर का पानी तेज बहाव के साथ खीर गंगा और हर्षिल के बीच भारी मलबा लेकर आया.
  • मलबा गिरने से बहाव के रुकने के कारण हर्षिल के पास 1200 मीटर लंबी कृत्रिम झील बन गई है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
हर्षिल:

उत्तरकाशी के धराली में खीर गंगा नदी ने जिस तरह से तबाही मचाई वो बेहद खौफनाक था. जहां एक तरफ धराली और आसपास के इलाके बीते दिनों आई आपदा से अभी तक उभर नहीं पाए हैं. वहीं, दूसरी तरफ उत्तरकाशी का हर्षिल भी तबाही के कगार पर पहुंच गया है. कहा जा रहा है कि भागीरथी नदी की दिशा बदलने के कारण पहले की तुलना में अब हर्षिल पर खतरा ज्यादा बढ़ गया है. उधर, उत्तरकाशी में लगातार हो रही बारिश के कारण भागीरथी नदी उफान पर है. धराली की आपदा के बाद भागीरथी नदी ने अपनी दिशा बदल ली है. जिससे हर्षिल पर बाढ़ और कटाव का खतरा बढ़ गया है. साथ ही हर्षिल के पास बनी 1200 मीटर की कृत्रिम झील भी एक बड़े खतरे की तरह है. इलाके में लगातार हो रही बारिश, भागीरथी नदी के बढ़े जल स्तर और कृत्रिम झील के खतरे को देखते हुए हर्षिल को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है. स्थानीय लोग अपने घरों को छोड़कर आर्मी कैंप में रहने को मजबूर हैं. 

कैसे हर्षिल की तरफ मुड़ी भागीरथी

बीते दिनों धराली में आए सैलाब के बाद भागीरथी नदी की धारा हर्षिल की तरफ मुड़ गई है. कहा जा रहा है कि श्रीकंठ पर्वत माला से ग्लेशियर टूटा, जिसका पानी तीन पहाड़ी नदियों के ज़रिए तेज़ी से नीचे आया. इस ग्लेशियर का पानी खीर गंगा और हर्षिल गांव से धराली के बीच में पड़ने वाली तेल गाड से लाखों टन मलबा लेकर आया. हालात इतने भयावह बने कि इस सैलाब ने आर्मी के बेस कैंप को तबाह करते हुए भागीरथ नदी में जा गिरा. इसके चलते सदियों से एक ही दिशा में बह रही भागीरथ नदी की धारा को ही मोड़ दिया. इतना ही नहीं मलबा गिरने से बहाव रुकने से हर्षिल के पास एक कृत्रिम झील बन गई है.

इस वजह से अब हर्षिल गांव में खतरा कई गुना बढ़ गया है. हर्षिल थाने को पहले ही ख़ाली करवा दिया गया है और आसपास के होम स्टे खाली हो चुके हैं. हर्षिल घाटी की रहने वाली ममता बताती हैं कि यहां की ओर किसी का ध्यान नहीं है, झील पंचर करने वाली योजना भी काम नहीं कर पाई. अब स्थिति ये है हम जैसे लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं. और अपने घरों को छोड़कर आर्मी कैंप में रह रहे हैं. 

भागीरथी से डर लग रहा है

गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के मैनेजर सुशील डुमरी ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि हर्षिल में GMVN का शानदार रिसोर्ट है, जिसमें गंगोत्री जाने वाले यात्री ठहरते थे. लेकिन बीस कमरों और कई लग्ज़री टेंट वाला ये रिसोर्ट अब भागीरथी नदी के कटान से झुक रहा है. स्टाफ क्वार्टर भागीरथी नदी की चपेट में आ सकता है.वहीं, स्थानीय नागरिक शिवानी रावत ने बताया कि लाखों रुपए का होम स्टे बनाने पर लगाया, अब सब नदी की जद में आता जा रहा है. प्रशासन को जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए. प्रशासन कह रहा कि भागीरथी का पानी कम होने पर काम शुरू होगा. भागीरथी नदी को देखकर अब डर लग रहा है. 

झील को पंचर करने की योजना भी असफल

पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के कारण भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इस वजह से ये कृत्रिम झील भी एक बड़े खतरे का रूप ले चुकी है. हालांकि, इसे पंचर करने की योजना बनाई गई थी लेकिन वो सफल नहीं हो पाई. सेना के साथ NDRF की टीम लगी है लेकिन हज़ारों टन मलबा आने की वजह से इसे हटाना आसान नहीं है. मलबा न हटने की वजह से भागीरथ नदी का हर्षिल के पास बहाव तेज हो गया. स्थानीय लोगों की शिकायत है कि हर्षिल गांव के पूर्व की तरफ़ भागीरथी और पश्चिम की तरफ़ भी एक पहाड़ी नाला बहता है, हर्षिल गांव उसके पास होने की वजह से सोमवार रात SDRF ने वहां रुके सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने क कह दिया था. अब हर्षिल का बाज़ार पूरी तरह वीरान पड़ा है टूरिस्ट न के बराबर हैं और स्थानीय लोगों ने राहत कैंपों में शरण ले रखी है. 

Featured Video Of The Day
Kishtwar Cloudburst Update: बादल फटा, बहन खो गई...अब फोन भी बंद है | Jammu Kashmir
Topics mentioned in this article