- धर्मांतरण के बढ़ते मामलों पर उत्तराखंड सरकार सख्त, सीएम धामी ने कानून और कठोर बनाने के निर्देश दिए
- देहरादून में दो युवतियों के धर्मांतरण के केस, तार यूपी, पाकिस्तान और दुबई तक जुड़े होने का दावा
- ऑपरेशन कालनेमि की निगरानी के लिए एसआईटी गठित करने के निर्देश, डेमोग्राफी बदलने की साजिश पर सतर्क सरकार
उत्तराखंड में धर्मांतरण के सामने आ रहे मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने बने धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाने का सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. वहीं ऑपरेशन कालनेमि की निगरानी के लिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर एसआईटी गठित करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
उत्तराखंड में भी धर्मांतरण का बड़ा जाल फैलने लग गया है और इस मामले में देहरादून में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं जिसमें देहरादून की दो युवतियों का धर्म बदलने का मामला सामने आया है. इसको लेकर उत्तराखंड पुलिस ने खुलासा कर दिया है लेकिन इस पूरे धर्मांतरण के तार उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से जुड़े हुए हैं. देहरादून में धर्मांतरण के तार पाकिस्तान और दुबई तक जुड़े हुए हैं.
लगातार धर्मांतरण का जाल फैलाने वाले उन युवतियों को शिकार बना रहे हैं जो अपने परिवार या फिर पढ़ाई या फिर नौकरी के लिए अपने परिवार से अलग रह रही हैं. अब ऐसे में तेजी से देवभूमि में धर्मांतरण का फैल रहा जाल रोकने के लिए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है. हालांकि राज्य में धर्मांतरण का कानून पहले सही है. अगर कोई धर्मांतरण राज्य में करवाता है तो उसके खिलाफ 10 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना भी रखा गया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाते हुए, जरूरी कदम भी उठाने के निर्देश दिए हैं. सोमवार को सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सीमांत प्रदेश होने के साथ ही सनातन की पुण्य भूमि भी है. इसलिए यहां डेमोग्राफी में बदलाव की किसी भी कोशिश को सख्ती से रोका जाए.
उन्होंने कहा कि पुलिस इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखे. धर्मांतरण कराने वाले तत्वों के जाल में फंसे लोगों को उचित परामर्श और मार्गदर्शन प्रदान किया जाए. उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं को देखते हुए, धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाए जाने की दिशा में तत्काल कदम उठाएं जाए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमी भी ऐसे तत्वों पर लगाम लगाने में सफल रहा है. इस मुहिम को आगे भी चलाए जाने की जरूरत है, इसलिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर, इसकी निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया जाए.