यूपी में विवादों में रही इमारत पर योगी सरकार का बड़ा फैसला, जानें पूरा मामला

योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट ने जेपीएनआईसी को चलाने के लिए गठित सोसाइटी को भंग कर इस भव्य इमारत को लखनऊ विकास प्राधिकरण यानी एलडीए को सौंपने का फैसला किया है.

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी की सरकार में बनी जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के शुरू होने के आसार अब दिखने लगे हैं. योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट ने जेपीएनआईसी को चलाने के लिए गठित सोसाइटी को भंग कर इस भव्य इमारत को लखनऊ विकास प्राधिकरण यानी एलडीए को सौंपने का फैसला किया है. इस फैसले के बाद इस 18 मंजिला इमारत की परियोजना को पूरा करने, इसके रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी भी एलडीए संभालेगा. एलडीए इसको पीपीपी मॉडल पर चलाने की योजना पर काम करेगी.

लखनऊ में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ये प्रस्ताव लाया गया कि जेपीएनआईसी को चलाने के लिए गठित सोसाइटी को भंग कर इसे एलडीए को दे देना चाहि इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंज़ूर कर लिया. अब इस फैसले के बाद जेपीएनआईसी के संचालन और रखरखाव के लिए वित्तीय बोझ को व्यवस्थित तरीके से संभालने की जिम्मेदारी भी एलडीए की होगी. यूपी सरकार की तरफ से इस इमारत के निर्माण में अब तक जारी किए गए 821.74 करोड़ रुपए को एलडीए के पक्ष में स्थानांतरित ऋण माना जाएगा, जिसे एलडीए को 30 साल में चुकाना होगा.

साल 2017 में जेपीएनआईसी के निर्माण का काम लगभग 90 फ़ीसदी पूरा हो चुका था, तभी सरकार बदल गई. योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद सवाल खड़े होने लगे कि 300 करोड़ की अनुमानित लागत से बनने वाले जेपीएनआईसी में कैसे 860 करोड़ से ज़्यादा ख़र्च हो गए. इन सवालों को देखते हुए योगी सरकार ने इस इमारत के निर्माण में हुए कथित घोटाले की जांच बिठा दी. तभी से इस इमारत में ना निर्माण हुआ और ना इसको शुरू करने की कवायद हुई.

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जेपीएनआईसी का निर्माण साल 2013 में शुरू हुआ था. शुरुआत में अनुमानित लागत 300 करोड़ की थी हालांकि निर्माण का काम आगे बढ़ता गया और लागत भी बढ़ती गई. कैग की रिपोर्ट में आरोप लगा कि बिना टेंडर के काम कराने और लागत में गैर-जरूरी बढ़ोतरी की गई. रिपोर्ट में कहा गया कि 860 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने के बावजूद परियोजना अधूरी रही. अब कैबिनेट के फैसले के बाद एलडीए को परियोजना को पीपीपी मॉडल के जरिए संचालित करने का अधिकार दिया गया है. इसके तहत, रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरईएफ) और लीज या रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल के माध्यम से निजी एजेंसियों को शामिल किया जाएगा. 

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बात करें जेपीएनआईसी की ख़ासियत की तो 18 मंजिला ये इमारत यूपी का सबसे बेहतरीन कन्वेंशन सेंटर है. इसमें ऑडिटोरियम, कन्वेंशन सेंटर, विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और मल्टीपर्पज स्पोर्ट्स कोर्ट बनाया गया है. इस बिल्डिंग में 750 चार पहिया वाहनों की मल्टी-लेवल पार्किंग की भी व्यवस्था है. इस इमारत की छत पर एक हैलीपैड भी बनाया गया है, ताकि कभी पीएम का सीएम जैसे अति विशिष्ट मेहमान को किसी कार्यक्रम में शामिल होना हो तो वो एयरपोर्ट से सीधा हेलीकॉप्टर से जेपीएनआईसी पहुंच सकते हैं। साथ ही इसमें इंटरनेशनल लेवल का स्विमिंग पूल भी बनाया गया है. 

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