- कानपुर की 43 वर्षीय मालती देवी ने पारिवारिक तनाव के कारण जाजमऊ गंगा पुल से आत्महत्या का प्रयास किया था
- गंगा की तेज लहरों ने उन्हें डूबने से बचाकर चंदन घाट के किनारे पर पहुंचाया था
- महिला को वहां एक विशालकाय मगरमच्छ दिखाई दिया, जिससे उसकी जीवन की इच्छा पुनः जागृत हुई
मौत को गले लगाने गई महिला को कुदरत ने एक दूसरा मौका दिया, जिस जिंदगी से वह तंग आ चुकी थी, उसी जिंदगी को बचाने के लिए वह पूरी रात एक पेड़ पर गुजारती रही. अब आपको ऐसा लग रहा होगा कि यह कोई फिल्मी कहानी है लेकिन यह कानपुर की महिला की हकीकत है, जिसकी कहानी आपको भी हैरान कर देगी.
कानपुर के अहिरवां इलाके में रहने वाली 43 वर्षीय मालती देवी का जीवन पिछले कुछ समय से उथल-पुथल भरा था. शादी के 23 साल बीत जाने के बाद भी संतान न होने का दर्द उसे और उसके टेंपो चालक पति को अक्सर झगड़ने पर मजबूर कर देता था.
ऐसे में शुक्रवार की शाम को भी दोनों के बीच एक मामूली बात पर झगड़ो हो गया. पति ने काम से लौटकर चाय बनाने के लिए कहा तो पत्नी ने मना कर दिया. बस इसी बात पर विवाद इतना बढ़ गया कि महिला ने एक खौफनाक कदम उठाने का फैसला कर लिया. वह घर से दवा लेने का बहाना बनाकर निकली और सीधे जाजमऊ गंगा पुल पर पहुंच गई. रात के अंधेरे में साढ़े 10 बजे के करीब उसने अपनी सारी तकलीफों को खत्म करने की उम्मीद में खुद को गंगा की तेज लहरों के हवाले कर दिया.
लेकिन शायद गंगा मैया को उसकी मौत मंजूर नहीं थी. लहरों ने उसे डुबोने के बजाय चंदन घाट के किनारे पर ला पटका. कुछ घंटों बाद जब उसे होश आया, तो वह घुटनों तक पानी में थी. शरीर में दर्द और ठंड से वह कांप रही थी. उसने उठने की कोशिश की, तभी उसकी नजर पास में ही पानी में एक परछाई पर पड़ी. वह किसी विशालकाय मगरमच्छ जैसा दिख रहा था.
जिस महिला ने कुछ घंटे पहले मौत मांगी थी, अब मौत को साक्षात अपने सामने देखकर उसकी रूह कांप गई. जीने की इच्छा अचानक प्रबल हो उठी. वह अपनी पूरी ताकत लगाकर वहां से भागी और पास के एक बाग में घुस गई. अंधेरे में उसे एक अमरूद का पेड़ दिखा और वह बिना सोचे-समझे उस पर चढ़कर बैठ गई.
सुबह के करीब पांच बजे जब हल्की रोशनी हुई, तो उसे कुछ लोग आते-जाते दिखे. उसने हिम्मत जुटाकर शोर मचाया.
उसकी आवाज सुनकर लोग इकट्ठा हुए और पुलिस को सूचना दी. जाजमऊ पुलिस मौके पर पहुंची और उसे पेड़ से नीचे उतारा. चौकी में महिला ने जब अपनी आपबीती सुनाई तो पुलिसकर्मी भी सन्न रह गए. पुलिस ने उसके पति को बुलाया और दोनों को समझाया. पति-पत्नी को एक-दूसरे का साथ देने और शांति से रहने की हिदायत देकर घर भेज दिया गया.