कौन है जमालुद्दीन उर्फ छंगुर बाबा, जो हिंदुओं का माइंडवॉश कर बनाता था मुस्लिम, पढ़ें क्राइम कुंडली

हर जाति की लड़कियों का धर्मांतरण कराने के लिए अलग-अलग रकम तय की गई थी- ब्राह्मण, क्षत्रिय, सरदार लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपए, पिछड़ी जातियों के लिए 10-12 लाख और अन्य वर्गों के लिए 8-10 लाख रुपए.

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नई दिल्‍ली:

उत्तर प्रदेश एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए बलरामपुर जिले के उटरौला कस्बे से जमालुद्दीन उर्फ छंगुर बाबा को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. छंगुर बाबा पर लड़कियों को बहला-फुसलाकर जबरन इस्लाम धर्म में शामिल कराने, विदेशों से फंडिंग प्राप्त करने और गरीबों-मजबूरों को लालच देकर धर्मांतरण करवाने के आरोप हैं. इस पूरे नेटवर्क को लेकर जांच एजेंसियों को चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं.

कौन है जमालुद्दीन उर्फ छंगुर बाबा?

जमालुद्दीन, बलरामपुर के मधपुर गांव का रहने वाला है. वो खुद को 'हाजी पीर जमालुद्दीन बाबा' के नाम से प्रचारित करता था. वह लंबे समय से उटरौला कस्बे में सक्रिय था और यहां कथित तौर पर धर्मांतरण का बड़ा नेटवर्क चला रहा था. पुलिस जांच में सामने आया है कि उसने अब तक 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की और बलरामपुर में शोरूम, बंगले और लग्जरी गाड़ियां खरीदीं.

गरीब, मजबूर लोगों का करता था माइंडवॉश! 

बताया गया कि जमालुद्दीन गरीब, मजदूर, और मजबूर लोगों को लालच देकर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था. अगर कोई मना करता तो उसे फर्जी केस में फंसाकर पुलिस और कोर्ट के जरिए प्रताड़ित करवाया जाता था.

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उसके नेटवर्क में मुंबई के एक सिंधी परिवार-नवीन घनश्याम, उनकी पत्नी नीतू रोहरा और बेटी समाले रोहरा को भी धर्मांतरण के जरिए जोड़ा गया, जो अब बलरामपुर में उसी के पते पर रहते थे.

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लड़कियों के धर्मांतरण के लिए तय थी रकम 

सबसे चौंकाने वाली बात ये सामने आई है कि हर जाति की लड़कियों का धर्मांतरण कराने के लिए अलग-अलग रकम तय की गई थी- ब्राह्मण, क्षत्रिय, सरदार लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपए, पिछड़ी जातियों के लिए 10-12 लाख और अन्य वर्गों के लिए 8-10 लाख रुपए.

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खाड़ी देशों से की गई करोड़ों की फंडिंग 

जांच में यह भी सामने आया है कि इस गिरोह ने 40 से अधिक बैंक खातों के ज़रिए करीब 100 करोड़ रुपए का लेन-देन किया. फंडिंग मुख्य रूप से खाड़ी देशों से की गई थी.

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एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश के मुताबिक, यह नेटवर्क केवल बलरामपुर ही नहीं, बल्कि देशभर में फैला हुआ है. यूपी एटीएस इसकी गहराई से जांच कर रही है.

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