- UP में मंत्री सुरेश राही ट्रांसफॉर्मर सही न होने पर बिजली विभाग के अधिकारियों के विरोध में धरने पर बैठ गए हैं.
- मंत्री ने पावर कारपोरेशन की प्रबंध निदेशक रिया केजरीवाल को फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया था.
- जूनियर इंजीनियर ने मंत्री को खुद ट्रांसफॉर्मर बदलवाने के लिए आने को कहा था जिससे मंत्री नाराज हो गए.
मंत्रियों का धरने पर बैठ जाना, यूपी में अब ट्रेंड बन गया है. पिछले हफ्ते एक मंत्री जी पुलिस थाने पर बैठ गई थीं. इस बार मंत्री सुरेश राही ट्रांसफॉर्मर के सामने विरोध में बैठ (Sitapur Minister Protest) गए. आखिर मंत्री जी क्या करते ! मामला पब्लिक के सामने अपनी इज़्ज़त बचाने का था. कहने के लिए यूपी सरकार में राज्य मंत्री हैं. पर IAS अफसर की तो बात ही छोड़ दीजिए अब तो कर्मचारी भी इनका फोन नहीं उठाते हैं. चार दिनों पहले तो सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने एक मंत्री ने IAS अधिकारियों के फोन न उठाने की शिकायत की थी.पर अफ़सरों की मनमानी जारी है.
ये भी पढ़ें- रेस्क्यू में रुकावटें, मौसम-अंधेरा बड़ी बाधा, बारिश का रेड अलर्ट... उत्तराखंड में आज की रात भारी
बिजली विभाग के कर्मचारियों ने नहीं उठाया मंत्री का फोन
बीते 20 दिनों से एक गांव में ट्रांसफॉर्मर खराब था. जेल राज्य मंत्री सुरेश राही ने जूनियर इंजिनियर ( JE) को फोन किया. तो JE ने मंत्री जी को जवाब दिया कि "खुद आकर उतरवा लो ट्रांसफॉर्मर!" पावर कारपोरेशन की MD रिया केजरीवाल ने मंत्री का फोन तक नहीं उठाया.अब सीतापुर में मंत्री जी खुद धरने पर बैठ गए हैं. बारिश के बावजूद मंत्री हिलने डुलने को तैयार ही नहीं. इससे पहले बिजली मंत्री ए के शर्मा अपनी लाचारी बता चुके हैं. उन्होंने कहा था कि वे एक जूनियर इंजीनियर तक का ट्रांसफ़र नहीं कर सकते हैं.
मंत्री से कही खुद ट्रांसफॉर्मर बदलवाने की बात
यूपी के सीतापुर में जेल राज्यमंत्री सुरेश राही ने 20 दिन से खराब ट्रांसफॉर्मर बदलने के लिए पावर कार्पोरेशन की प्रबंध निदेशक रिया केजरीवाल को फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. इसके बाद मंत्री ने जेई रमेश कुमार मिश्रा को फोन किया,जिन्होंने उनसे स्वयं आकर ट्रांसफॉर्मर बदलवाने की बात कही.
गुस्साए मंत्री धरने पर बैठे
नाराज मंत्री समर्थकों के साथ कोरैया गांव पहुंचे और खुद अपने हाथों से ट्रांसफॉर्मर उतरवाने लगे. बिजली अधिकारियों के मौके पर न पहुंचने पर वह ट्रांसफॉर्मर के पास ही धरने पर बैठे हैं. बताया कि जब एक मंत्री कि बात बिजली अधिकारी नहीं सुन रहे हैं तो आमजन मानस की समस्याओं का क्या निस्तारण करते होंगे.