संभल में अब मकानों को भी मिला नोटिस, पढ़ें आखिर क्यों दिया गया 15 दिनों का समय 

प्रशासन की इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है. संभल सदर तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया की हातिम सराय में 8 बीघा का तालाब की जमीन पर दबंग भूमिया अवैध तरीके से प्लाटिंग करवा रहे हैं.

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संभल में अब घरों को भी मिला नोटिस
संभल:

संभल में इन दिनों अवैध निर्माण के खिलाफ प्रशासन विशेष अभियान चला रही है. अब इस कड़ी में अब उन अवैध मकानों को भी नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस में कहा गया है कि जिन लोगों का मकान अवैध है वो 15 दिनों में इन घरों को खाली कर दें. प्रशासन के अनुसार जिन घरों को नोटिस दिया गया है वो अवैध जमीन पर बना हुआ है. अगर तय समय के अंदर इन मकानों को नहीं हटाया गया तो प्रशासन इनपर भी बुलडोजर की कार्रवाई करेगा. 

आपको बता दें कि संभल के नखासा थाना क्षेत्र में 8 बीघा तालाब की जमीन पर भूमाफियाओं ने प्लॉटिंग कर ज़मीन को बेच दिया. तालाब की जमीन लगभग 80 लोगों ने मकान बनवा लिए. कब्जे की जानकारी होने पर तहसील प्रशासन ने 40 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया गया है.प्रशासन का साफ कहना है कि सरकारी तालाब पर खड़े किए गए मकान को खाली कराया जाएगा. 

प्रशासन की इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है. संभल सदर तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया की हातिम सराय में 8 बीघा का तालाब की जमीन पर दबंग भूमिया अवैध तरीके से प्लाटिंग करवा रहे हैं. तालाब की जमीन पर 80 मकान तक बन चुके हैं. इन मकानों में लोग रह रहे हैं.  

शनिवार को लेखपाल ने 40 से अधिक मकान पर नोटिस चस्पा किए हैं. तालाब की भूमि किसी भी कीमत पर निजी कब्जे में नहीं दी जा सकती. हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक तालाब की जमीन पर अगर अवैध निर्माण पाया जाता है तो उसकी सुनवाई की भी जाती है. तहसीलदार का कहना है कि टैक्स देने से जमीन बैनामा नहीं हो जाती हो सकता है भूमिया में इन लोगों को गलत तरीके से फर्जी बैनामा कर दिया हो तालाब की भूमि का कोई बैनामा संभव ही नहीं है. अवैध कबजेदारों को 15 दिन का समय दिया गया है इसके बाद तालाब की भूमि को कब्जा मुक्त करने के लिए बुलडोजर की कार्रवाई की जाएगी. 

हातिम सराय में रहने वाले इब्राहिम ने बताया कि हमारा मकान पक्का है, टैक्स भी दे रहे हैं बिजली का बिल भी दे रहे हैं, सड़क बनी हुई है. मैं यहां अपने मकान में 5 साल से रह रहा हूं. हम जगह खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. मोहम्मद जुबेर ने बताया कि नोटिस में लिखा हुआ है कि हमने अवैध कब्जा किया है लेकिन हमने यह जमीन खरीदी थी और अपना मकान बनवाया था. हम यह पर लगभग 7 से 8 साल हो गए हमने जमीन खरीदी थी. नोटिस में कह रहे हैं कि यह तालाब था तो गवर्नमेंट ने सड़क क्यों बनाई यहां पर? बिजली की लाइन क्यों पास हुई? वाटर लाइन भी गवर्नमेंट किस बात के लिए है एम? क्या उसको पहले नहीं दिखता यहां पर मकान बनाने की अनुमति क्यों मिली? (इनपुट सत्यपाल यादव)

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