राजा भैया को लेकर अखिलेश ने कहा- मायावती सही थीं, हमने गलती कर दी...

आखिर ऐसा क्या हुआ कि अखिलेश यादव अब राजा भैया को राजनैतिक रूप से ख़त्म करने की चेतावनी दे रहे हैं. उनसे रहे रिश्ते पर अफ़सोस जता रहे हैं. जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को राजा के घर भेजा था.

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मायावती, राजा भईया, अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

UP Politics: बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव में फिर ठन गई है. पिछले लोकसभा चुनाव में राजा के समर्थकों ने समाजवादी पार्टी का साथ दिया था. जबकि राजा भैया को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है. अखिलेश यादव और राजा भैया अब आमने-सामने हैं. एक समय अखिलेश की सरकार में राजा मंत्री भी थे. राजा के खिलाफ दो-दो हाथ करने का ऐलान अब अखिलेश की तरफ से आया है. मायावती के एक फैसले को पलटने पर उन्होंने अफसोस जताया है, यह फैसला राजा भैया से जुड़ा है. सीएम रहते हुए मायावती ने उन्हें जेल भेज दिया था.

गलती हो गई: अखिलेश

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को पत्रकारों के सामने कहा गलती हो गई. उन्होंने कहा कि BSP सरकार ने जो फैसला किया था, उसे नहीं बदलना चाहिए था. ये बात उन्होंने राजा भैया का नाम लिए बगैर कही. राजा भैया पर मायावती ने अपने राज में POTA लगा कर जेल भेज दिया था. मुलायम सिंह की सरकार ने बाद में पोटा हटा लिया था. अखिलेश यादव ने दावा किया कि अब राजा भैया कभी चुनाव नहीं जीत सकते हैं.

ये है अखिलेश के नाराजगी की वजह

आखिर ऐसा क्या हुआ कि अखिलेश यादव अब राजा भैया को राजनैतिक रूप से ख़त्म करने की चेतावनी दे रहे हैं. उनसे रहे रिश्ते पर अफ़सोस जता रहे हैं. जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को राजा के घर भेजा था. अखिलेश की नाराज़गी की असली वजह उनके करीबी गुलशन यादव पर आई मुसीबत को लेकर हैं.

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राजा भैया ने अखिलेश के खास और प्रतापगढ़ के समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष गुलशन यादव के खिलाफ FIR लिखाई थी. इसके बाद 4 मई को सरकार ने गुलशन की 7 करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क की थी. इसको लेकर अखिलेश काफी नाराज हैं.

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मुलायम सिंह के बेहद करीबी थे राजा भईया

बाहुबली विधायक राजा भैया उर्फ़ रघुराज प्रताप सिंह को मुलायम सिंह यादव बहुत मानते थे. लेकिन उनके बेटे अखिलेश यादव से उनके संबंध कभी नरम तो कभी गरम रहे. डिप्टी एसपी जिया उल हक की हत्या के बाद राजा को अखिलेश की सरकार से इस्तीफ़ा भी देना पड़ा था. बाद में वे फिर से मंत्री ज़रूर बन गए थे. समाजवादी पार्टी से बाद में उन्होंने रिश्ता तोड़ लिया और जनसत्ता दल नाम से अपनी पार्टी बना ली.

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साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने कहा था कि कुंडा में कुंडी लगा देंगे. राजा भैया कुंडा से ही विधायक चुने जाते रहे हैं. राजा के खिलाफ मोर्चा खोल कर अखिलेश यादव PDA की एकजुटता का संदेश देना चाहते हैं.

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