UP News: 108 रुद्राक्ष से सुसज्जित है दो मंजिला कन्वेंशन सेंटर, प्राचीन काशी की दिखाएगी झलक; PM मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट

इस परियोजना का उद्देश्य वाराणसी में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र विकसित करना और लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है. इससे वाराणसी में पर्यटन को भी विकसित करने और शहर की प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करने में मदद मिलेगी.

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पीएम मोदी कल (15 July) वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और पारंपरिक केंद्र 'रुद्राक्ष' का उद्घाटन करेंगे.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कल (15 जुलाई, 2021) अपने संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं. इस दौरान शहर को एक नया लैंडमार्क मिलने जा रहा है. पीएम मोदी कल अंतरराष्ट्रीय सहयोग और पारंपरिक केंद्र 'रुद्राक्ष' का उद्घाटन करेंगे. रुद्राक्ष नाम के इस कन्वेंशन सेंटर में अद्भुत और प्राचीन शहर काशी की झलक दिखाई देगी. इस कन्वेंशन सेंटर में 108 रुद्राक्ष स्थापित किए गए हैं. इसे प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है.

इसकी छत शिवलिंग के आकार की है. रात में पूरी इमारत एलईडी लाइट से जगमगाएगी. 2.87 हेक्टेयर भूमि पर पॉश इलाके सिगरा में बने दो मंजिला कन्वेंशन सेंटर में एक बार में 1200 लोगों के बैठने की क्षमता है. यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों, प्रदर्शनियों, संगीत समारोहों आदि के आयोजन के लिए आदर्श है. इसमें एक आर्ट गैलरी भी बनाई गई है जिसे वाराणसी की कला, संस्कृति और संगीत को चित्रित करने वाले भित्ति चित्रों से सजाया गया है.

JICA से सहायता प्राप्त वाराणसी का यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर में एक बड़ा हॉल बनाया गया है. वहां 1,200 लोगों के बैठने की क्षमता है. सेंटर में कई मीटिंग रूम भी हैं. बाहर 120 कारों के लिए बड़ी पार्किंग भी बनाई गई है. आवश्यकता पड़ने पर मुख्य हॉल को छोटे-छटे हिस्सों में भी विभाजित किया जा सकता है. 

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इस सेंटर को पर्यावरण अनुकूल भवन बनाने की भी योजना है, जो ग्रीन रेटिंग लेवेल 3 के लिए उपयुक्त है. यह केंद्र पर्याप्त सुरक्षा और सुरक्षा प्रणालियों से सुसज्जित है. एक नियमित प्रवेश द्वार, एक सेवा प्रवेश और एक अलग वीआईपी प्रवेश द्वार बनाया गया है. 

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इस परियोजना का उद्देश्य वाराणसी में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र विकसित करना और लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है. इससे वाराणसी में पर्यटन को भी विकसित करने और शहर की प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
 

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