होली पर ढकी जाएंगी संभल की मस्जिदें, जानिए मौलवी क्‍या बोले?

होली और रमज़ान का दूसरा जुमा शांतिपूर्वक मनाया जा सके, इसके लिए प्रशासन ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोगों के साथ पीस कमेटी की बैठक की गई. इस बैठक में सहमति के आधार पर मस्ज़िदों को ढकने पर बात बनी है.

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...ताकि होली और रमज़ान का दूसरा जुमा शांतिपूर्वक मनाया जा सके
संभल:

यूपी के संभल में होली और रमज़ान के दूसरे जुमे को देखते हुए मस्ज़िदों को तिरपाल से ढका जा रहा है. शुक्रवार को हिंदू और मुस्लिम दोनों अपना त्यौहार शांतिपूर्वक मना सकें, इसकी कोशिश में ज़िला प्रशासन ने मस्ज़िदों को ढकने का फैसला लिया है. ये फैसला हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर लिया गया है. संभल के एएसपी श्रीचन्द्र ने बताया, 'पुलिस की मौजूदगी में मस्ज़िदों पर तिरपाल लगाया जा रहा है. संभल में होली के दिन एक पारंपरिक जुलूस निकलता है. इस जुलूस में लोग रंग गुलाल खेलते हैं. ऐसे में किसी मस्ज़िद की दीवार पर रंग ना पड़े, इसकी कोशिश में ये क़वायद की जा रही है.' 

होली और रमज़ान का दूसरा जुमा शांतिपूर्वक मनाया जा सके, इसके लिए प्रशासन ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोगों के साथ पीस कमेटी की बैठक की गई. इस बैठक में सहमति के आधार पर मस्ज़िदों को ढकने पर बात बनी है. संभल में होली के दौरान शांति व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने पुलिस के अलावा पैरा मिलिट्री की तैनाती की है. साथ ही 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरा और ड्रोन से सुरक्षा की निगरानी की व्यवस्था की गई है.

मस्जिद के मौलवी ने स्पष्ट किया कि यह कोई दबाव का परिणाम नहीं है, बल्कि शांति बनाए रखने और आपसी समझ के तहत लिया गया निर्णय है. उन्होंने कहा, "हमने एहतियात के तौर पर मस्जिद को ढकने का निर्णय लिया है, ताकि होली के रंग मस्जिद की दीवारों पर न लगें और किसी तरह की विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो. इस कदम का उद्देश्य केवल धार्मिक सद्भाव बनाए रखना है. हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच भाईचारा बना रहे, यही हमारा मुख्य उद्देश्य है. हम सब मिलकर शांति और सौहार्द्र के साथ रहते हैं.'

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स्थानीय निवासी ने बताया कि इस क्षेत्र से हर साल होली के जुलूस निकलते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए तिरपाल लगाया गया है. उन्होंने कहा, 'यह कदम भाईचारे को बनाए रखने के लिए उठाया गया है, और हमारे कप्तान साहब ने भी यह सलाह दी कि यह काम किया जाए. सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से और आपसी समझ से किया जा रहा है.'

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बता दें कि यह वही मस्जिद है, जहां पहले भी होली में रंग डाले जाने से विवाद हो चुका था. इस बार प्रशासन और समुदाय की ओर से यह कदम उठाकर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि होली के जुलूस के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो और सभी समुदायों के बीच भाईचारा बना रहे. इससे पहले, मंगलवार को शाहजहांपुर जिले की लगभग 67 मस्जिदों को तिरपाल से ढंक दिया गया था, ताकि रंग न पड़े और माहौल न बिगड़े. मस्जिदों को इसलिए ढंका गया, ताकि किसी भी धार्मिक स्थल पर रंग न पड़े और तनाव न हो. मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना था कि अगर मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया जाता है, तो उनके धार्मिक स्थल पर रंग नहीं पड़ेगा और इस तरह से माहौल शांतिपूर्ण रहेगा.

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