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‘BJP में कुछ विभीषण नहीं होते तो 43 सीट नहीं हारते’: UP के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद   

डॉ. संजय निषाद ने अपने गढ़ गोरखपुर से संवैधानिक अधिकार यात्रा का शुभारंभ किया. इस दौरान वो विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी पर भी तंज कस गए. अबरार अहमद की रिपोर्ट में जानिए क्या-क्या कहा...

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डॉ. संजय निषाद ने आज गोरखपुर से ‘संवैधानिक अधिकार यात्रा’ का शुभारंभ किया.

निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने आज ‘संवैधानिक अधिकार यात्रा' का शुभारंभ किया. इस दौरान संजय निषाद ने भाजपा के अंदरूनी खेमेबाजी करने वाले नेताओं पर जमकर निशाना साधा. उन्‍होंने कहा कि भाजपा में कुछ विभीषण नहीं होते, तो 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में यूपी की 43 सीट नहीं हारते. निषाद समाज गुस्सा हुआ, जिसका नतीजा हुआ कि 43 सीट हार गए.

क्या-क्या कह गए?

गोरखपुर के रामनगर करजहां से सोमवार को संवैधानिक अधिकार यात्रा का शुभारंभ करते हुए संजय निषाद ने निषाद समाज के लोगों को आरक्षण के अधिकार के लिए जागने की अपील की है. संजय निषाद ने कहा कि एकता में बल होता है. कुछ वि‍भीषण ऐसे हैं, जो जाकर ऊपर कह रहे थे कि निषाद कहीं नहीं हैं. आंख मूंदकर वोट दे देंगे. नतीजा रहा कि निषाद गुस्‍से में आ गए. 43 सीट हार गए. निश्चित रूप से बीजेपी में ऐसे विभीषण नहीं होते, तो 43 सीट नहीं हारते. 2019 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर को हमने 3.5 लाख वोटों से जीता था. 2018 में सांसद की सीट जीते थे. आज 1 लाख वोट का अंतर हो गया. 2 लाख वोट कहां चला गया? वे कहते हैं कि वे अपनी पूंजी विभीषणों के चक्‍कर में नहीं गंवाने वाले हैं. भाजपा अपना गंवाए, लेकिन डॉ. संजय निषादों को हमेशा जगाए हैं. वे उन्‍हें दूसरी पार्टी में नहीं जाने देंगे. भाजपा प्रत्‍याशी रमेश बिधूड़ी के बयान पर संजय निषाद ने कहा कि बयान आते रहते हैं. किसी के निजी बयान पर क्‍या कहना. जिसको सत्ता समाज ने सौंपी हो, उसकी बात करनी चाहिए. कांग्रेस अब मर चुकी है. उसकी बात नहीं करनी चाहिए.

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इसके पहले, उन्‍होंने कहा कि गोरखपुर निषाद बाहुल्‍य सीट है. निषादों की संख्‍या यहां पर अधिक है. यहां पर राप्‍ती-रोहिणी बहती हैं. ये हर साल नदियों में डूब जाते हैं. ये जिसके साथ रहते हैं, उसे तो पार कर देते हैं, लेकिन खुद ही मझधार में डूब रहे हैं. अब वे उन्‍हें जगा रहे हैं. गोरखपुर के निषादों का एक इतिहास रहा है. पूरे प्रदेश और देश को जगाया है. उन्‍हें सत्ता में लाया है.संजय निषाद ने कहा कि 13 जनवरी को महाराणा संकल्‍प दिवस है. वे पक्ष और विपक्ष के निषाद समाज के लोगों को अपील करते हैं कि पूरे देश से निषाद समाज के लोग इसमें शामिल हों.

संजय निषाद ने कहा कि 13 जनवरी को लाखों की संख्‍या में लोग पूरे देश से आएंगे. सभी जा‍ति-धर्म के लोगों ने सहयोग देकर हाथी को सम्‍मान दिलाया है. उसी तरह से निषाद पार्टी को सहयोग करेंगे. निषादों ने देश को आजाद कराने में अपना बहुमूल्‍य योगदान दिया है.वह खुद सभी को 13 जनवरी को होने वाले निषाद पार्टी के कार्यक्रम में आमंत्रण देंगे. मुख्‍यमंत्री, उप मुख्‍यमंत्री और सभी को आमंत्रण देंगे. वे लोग भी आएं. गोरखपुर के सभी पार्टी के समुदाय के लोग आएं. वो उन्‍हें न्‍योता दे रहे हैं. अपना हक-हिस्‍सा लीजिए. आपके बच्‍चे का भविष्‍य भी इसी आरक्षण में हैं. वे आरक्षण के मुद्दे पर एक हो जाएं. इस आरक्षण से उनके बच्‍चे का भविष्य बनेगा. आप भी आसानी से विधायक हो जाएंगे. आप जहां लड़ेंगे, वहां बड़े लोग नहीं लड़ पाएंगे. ऐसे नहीं लड़ पाओगे. नहीं तो जमुना निषाद, महंत सिंह राजपूत, फूलन देवी जैसे ताकतवर नेता मारे गए. ऐसे सारे लोग अब राजनीति‍क रूप से मारे जाओगे.

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विपक्ष पर लगाए आरक्षण को लेकर आरोप

आरक्षण नहीं मिलने के सवाल पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए संजय निषाद ने कहा कि मछुआ समाज को आरक्षण मिलेगा. उनका प्रमाणिक दस्‍तावेज विपक्ष ने गायब कर दिया. 70 साल में पहली सरकार है. योगीजी मार्गदर्शक हैं. वो उनकी लड़ाई लड़ते रहे हैं. पहली बार उन्‍होंने पत्र दिया और उन्‍होंने आरजीआई से लिखवा कर अटेस्‍ट करा दिया. जब प्रमाणिक दस्‍तावेज रहेगा, तभी प्रमाणपत्र मिलेगा. प्रमाणित दस्‍तावेज आरजीआई ने दे दिया है. केवट, मझवार, मल्‍लाह अनुसूचित‍ जाति के हकदार हैं. अनुसूचित जाति की सूची में सूचीबद्ध हैं. निषाद का बेटा सरकारी पैसे से पढ़ेगा. सरकारी नौकरी पाकर बढ़ेगा. इस अवसर पर डॉ. अमित निषाद, रविन्द्र मणि निषाद, व्यास मुनि निषाद, विधायक सरवन निषाद, संतोष निषाद, सुनील निषाद, विजय निषाद, राधे श्याम निषाद, हरिवंश निषाद, देवमणि निषाद, डॉ. अरुण निषाद आदि मौजूद रहे.

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