कभी माया के खास, अब कटेहरी में BJP के तुरुप के इक्के, जानें कौन हैं धर्मराज निषाद

यूपी के कटेहरी से बीजेपी के उम्मीदवार बीजेपी में शामिल होने से पहले बहुजन समाज पार्टी में थे. वह 1996 में पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बने थे. इसके बाद उन्होंने जीत की हैट्रिक भी लगाई थी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
बीजेपी ने कटेहरी से धर्मराज निषाद को बनाया है उम्मीदवार
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में जल्द ही 9 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसे लेकर तमाम राजनीतिक तक अपनी तैयारियों को आखिरी रूप देने में लगे हैं. इन सब के बीच बीजेपी ने सात सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. बीजेपी की इस लिस्ट में धर्मराज निषाद का भी नाम है. बीजेपी ने धर्मराज निषाद को कटेहरी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट को बीजेपी के लिए बेहद खास माना जा रहा है. इस सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाता सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि बीजेपी ने इस बार के चुनाव में यहां से धर्मराज निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है. 

कौन हैं धर्मराज निषाद?

धर्मराज निषाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाना माना नाम है. खास तौर पर बात अगर निषाद बिरादरी की करें तो धर्मराज काफी चर्चित नेता हैं.एक समय में धर्मराज निषाद की गिनती बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कद्दावर नेताओं में होती थी. धर्मराज पहली बार 1996 में कटेहरी से विधायक चुने गए थे. 2002 में जब वह दूसरी विधायक बने तो उस दौरान भी वह बसपा में ही थे. उन्होंने बसपा के ही टिकर पर 2007 में जीत की हैट्रिक लगाई. बसपा की सरकार में धर्मराज निषाद मत्स्य मंत्री भी रहे थे. बाद में उन्होंने बसपा का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया.भाजपा में शामिल होने के बाद 2022 में उन्होंने अकबरपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.    

जाति मुख्य फैक्टर

बसपा से सपा में आए लालजी वर्मा 2022 के चुनाव में कटेहरी से विधायक चुने गए थे. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने लालजी वर्मा को लोकसभा का प्रत्याशी बना दिया. लालजी वर्मा चुनाव जीतकर सांसद बन गए और कटेहरी से उनके इस्तीफे के कारण कटेहरी की सीट खाली हो गई. लोकसभा चुनाव में सपा को पांचों विधानसभा सीटों में कटेहरी में सबसे कम वोटों से बढ़त मिली थी. यहां चुनाव में सबसे बड़ा चुनावी फैक्टर जाति माना जाता रहा है.अब बात करें जातीय समीकरण की तो कटेहरी विधानसभा सीट पर सबसे अधिक संख्या अनुसूचित जाति के वोटरों की है. इसके बाद ब्राह्मणों की संख्या आती है. अनुसूचित जाति के लगभग 95000 हजार वोट हैं. इसके बाद ब्राह्मण करीब 50 हजार, क्षत्रिय लगभग 30 हजार, कुर्मी 45 हजार के आसपास, मुस्लिम 40 हजार, यादव 22 हजार, निषाद 30 हजार, राजभर 20 हजार, मौर्य 10  हजार, पाल 7 हजार, बनिया 15 हजार, कुम्हार/कहार 6 हजार और अन्य की आबादी लगभग 25 हजार मानी जाती है.

Advertisement


ये हैं यहां के अहम मुद्दे

अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट पर चुनावी मुद्दों की बात करें तो रोजगार और बाढ़ यहां का प्रमुख मुद्दा है.यहां रोजगार का साधन कृषि और स्वरोज़गार ही है. सरयू नदी के किनारे होने के कारण हर साल यहां बाढ़ आती है. इसके अलावा छुट्टा जानवर,गड्ढा युक्त सड़क और बिजली पानी भी चुनावी मुद्दा रहा है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War: यूक्रेन पर ही दागकर रूस ने की नई मिसाइल टेस्टिंग | Vladimir Putin | NDTV India