अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) आज अपने संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम करके अपनी ताकत का एहसास कराएगी. पार्टी की योजना दलित वोट बैंक को लामबंद करने की है. इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रैली का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) शिरकत करेंगी. वह पार्टी संस्थापक कांशीराम को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी.
बसपा के कार्यक्रम में राज्यभर से कार्यकर्ताओं के आने की उम्मीद है. बीएसी सुप्रीमो मायावती 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं को तैयारी में जुटने का संदेश दे सकती हैं. 2022 चुनाव के मद्देनजर मायावती की यह रैली अहम मानी जा रही है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) कांशीराम की पुण्यतिथि पर उत्तर प्रदेश में औपचारिक रूप से अपना चुनाव अभियान शुरू करेगी.
बता दें कि बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर ब्राह्मण और दलित गठजोड़ के जरिये सत्ता में आने की तैयारी कर रही है. बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. पार्टी ने 2007 में दलित-ब्राह्मण समुदाय के समर्थन पर अपने बूते पर पहली बार सरकार बनायी. उसे 403 सदस्यीय विधानसभा में 206 सीटें मिली थीं. पार्टी इस बार भी राज्य में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करवा कर अपनी पुरानी सफलता को दोहराने के प्रयास में जुटी है.
उत्तर प्रदेश में दलितों की अनुमानित 20 प्रतिशत आबादी है जबकि ब्राह्मणों की आबादी करीब 13 प्रतिशत बतायी जाती है. बीएसपी के अलावा समाजवादी पार्टी की नजर भी ब्राह्मण वोटरों पर है. सपा ब्राह्मणों को लुभाने के लिए भगवान परशुराम की मूर्तियां लगवा रही है.