यूपी विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) ने महाकुंभ को लेकर फैलाई जा रही अफवाह को लेकर विपक्ष को जमकर घेरा. उन्होंने 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर महाकुंभ भगदड़ का शिकार हुए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर करते हुए कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव मदद करेगी. लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति करना कितना उचित है. विपक्ष पर हमलावर सीएम योगी ने कहा कि काहिरा और नेपाल और झारखंड की किसी घटना के वीडियो को महाकुंभ के साथ जोड़कर दुष्प्रचार किया जा रहा था.या फिर देश के भीतर हुई किसी अन्य दुर्घटना को झूंसी के साथ जोड़कर अफवाह फैलाई गई. आखिर ऐसा करने वाले कौन लोग थे.
समाजवादी पार्टी पर हमलावर सीएम योगी ने कहा कि समाजवादियों के बारे में यह मान्यता है कि आज के समाजवादी जिस थाली में खाते हैं, उसमें छेद करके जाते हैं.इसी मान्यता पर मैं कहना चाहूंगा कि पहले दिन से महाकुंभ का विरोध किया जा रहा है. सीएम योगी ने इस दौरान अक्षय वट और अकबर के किले का भी जिक्र किया.
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मेरी इच्छा थी कि महाकुंभ के आयोजन के दौरान एक दिन हम सत्र(बजट) का आयोजन प्रयागराज में ही क्यों ना करें, लेकिन मुझे मालूम था कि सपा इसका विरोध करेगी. सपा किसी अच्छे काम का कभी समर्थन नहीं कर सकती... "
- सनातन धर्म के आयोजन में कोई भूखा नहीं रहा, महाकुंभ में जो आया वो भूखा नहीं गया,प्रयागराज काशी अयोध्या ने अतिथि देवो भवः का प्रमाण प्रस्तुत किया,जो लोग इसपर दुष्प्रचार कर रहे हैं,वो जनता देख रही है, जनता जनार्दन तमाम दुष्प्रचार के बाद मान नहीं रही है. आप दूसरों को उपदेश दे रहे हैं,खुद चुपके से स्नान करके चले आ रहे हैं,भतीजे तो चले गए,चाचू को छोड़ गए.
उर्दू के मुद्दे पर फिर हमलावर हुए योगी
बड़ा हसीन है, इनकी जबान का जादू
लगा के आग बहारों की बात करते हैं
जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा
वे ही नसीबों के मारों की बात करते हैं.
सीएम योगी ने कहा कि यह सब उर्दू नहीं है. यह सब हिंदी है. जब उत्तर प्रदेश की स्थानीय बोलियों को सदन में महत्व मिला, तो नेता प्रतिपक्ष ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि हिंदी इस सदन की भाषा है. सभी भाषाओं की लिपी देवनागरी है.