मथुरा के राधापुरम के गोवर्धन चौक पर एक आवारा कुत्ते को पीट-पीटकर मार डालने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से आरोपियों की पहचान की गई थी. पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया अब पुलिस से आरोप में आईपीसी, 1860 की धारा 429 जोड़ने का आह्वान कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस भयानक अपराध के अपराधियों को पूरी तरह से दंडित किया जाए.
आईपीसी की धारा 429 एक कठोर प्रावधान है, जो किसी भी जानवर को अपंग करने या मारने को संज्ञेय अपराध बनाती है. इसमें पांच साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. पेटा इंडिया क्रूरता प्रतिक्रिया समन्वयक सुनयाना बसु ने कहा, "जो लोग जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को नुकसान पहुंचाते हैं. यह जरूरी है कि जनता के सदस्य सभी की सुरक्षा के लिए जानवरों के प्रति क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट करें."
इस दुर्व्यवहार के शिकार होने से पहले इस कुत्ते ने जो भय और पीड़ा सहन की, वह असहनीय रही होगी. हम मथुरा पुलिस से आग्रह करते हैं कि अब आईपीसी की धारा 429 जोड़ें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अपराधियों के खिलाफ एक मजबूत मामला बनाया जा सके."
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)