SIT ने सवाल किये, मैंने जवाब दिये... संभल हिंसा पर सांसद बर्क से 3 घंटे हुई पूछताछ

समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने बीते 26 मार्च को अपने खिलाफ जारी किए गए नोटिस पर कहा था कि मामले में उनका नाम गलत तरीके से घसीटा गया है.

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बीते साल 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा...
संभल:

समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क से संभल हिंसा मामले में संभल कोतवाली में लगभग 3 घंटों तक पूछताछ हुई. एसआईटी टीम के 2 अफसरों ने बर्क से पूछताछ की. पूछताछ के बाद कोतवाली से निकलने पर बर्क ने कहा कि मैं जांच में सहयोग करने आया था. एसआईटी ने सवाल किये, मैंने जवाब दिये. बर्क से पूछताछ 11 बजकर 45 पर शुरू हुई थी. पूछताछ के लिए जाने से पहले बर्क ने कहा कि उनको न्‍यायालय पर पूरा भरोसा है. वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे. संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. बीते साल 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा के मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को आरोपी बनाया गया है. उन पर लोगों को भड़काने का आरोप है. इसी सिलसिले में हाल ही में एसआईटी ने जियाउर्रहमान बर्क को नोटिस भेजा था.

आखिर बर्क से क्यों पूछताछ

आखिर पुलिस संभल के सांसद बर्क से क्यों पूछताछ कर रही है? पुलिस का ग्राउंड क्या है? बर्क से मंगलवार को क्या क्या सवाल पूछे गए हैं, आप इससे समझ सकते हैं... संभल की जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश के बाद 19 नवंबर को सर्वे का पहला चरण पूरा हुआ था. अंधेरा होने के कारण सर्वे अधूरा रह गया था. दूसरे चरण के सर्वे का काम 24 नवंबर को तय हुआ. इसे गुप्त रखा गया था. बकौल पुलिस इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई थी. मीडिया को भी इस बारे में नहीं बताया गया था. जामा मस्जिद कमिटी के सदर जफर अली और सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इसकी जानकारी दी गई थी. सर्वे टीम जब सुबह पहुंची तो वहां भारी भीड़ मौजूद थी. हिंसा भड़की और पत्थरबाजी हुई. पुलिस का कहना है कि सुबह सुबह 7 बजे इतनी भीड़ को जमा करने का काम सुनियोजित साजिश के तहत किया गया. भीड़ को इसकी जानकारी किसने दी कि सुबह सर्वे होने वाला है. इसी आधार पर जफर और बर्क को नामजद किया गया है. पुलिस फोन रेकॉर्ड खंगाल रही है. भीड़ को उकसाने के लिए दोनों की भूमिका का संदिग्ध माना जा रहा है.

'मेरा नाम गलत तरीके से घसीटा गया'

इससे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने बीते 26 मार्च को अपने खिलाफ जारी किए गए नोटिस पर कहा था कि मामले में उनका नाम गलत तरीके से घसीटा गया है. बर्क ने कहा था, "जब मुकदमा दर्ज हुआ और मेरा नाम गलत तरीके से इसमें शामिल किया गया, तो मैंने अखिलेश यादव के नेतृत्व में स्पीकर साहब से मुलाकात की थी. मैंने अपने साथ हुए अन्याय के बारे में चिंता जताई थी, क्योंकि मुझे सुरक्षा का अधिकार है. इस कारण हमने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि हमें न्याय मिले.'

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संभल में 24 नवंबर को हुई थी हिंसा

सांसद ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया के दौरान यह भी स्पष्ट किया कि उनका नाम अनावश्यक रूप से विवादों में घसीटा गया है और इस मामले का पूरी तरह से निष्पक्षता से समाधान होना चाहिए. बर्क ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर न्याय मिलने तक उनकी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को हुई हिंसा के मामले में संभल पुलिस की एक टीम बीते दिनों भारी पुलिस बल के साथ दीपा सराय स्थित समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के आवास पर नोटिस देने पहुंची थी, लेकिन सपा सांसद दिल्ली में थे.

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संभल के शाही जामा मस्जिद के सदर, जफर अली को विवादित स्थल पर पत्थरबाजी और फायरिंग के मामले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने जानकारी दी कि जफर अली की गिरफ्तारी 24 नवंबर 2024 को हुई घटना से जुड़ी हुई है. जफर अली को विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार किया गया है, जिनमें क्रिमिनल कांस्पिरेसी (आपराधिक साजिश) भी शामिल है. गिरफ्तारी के बाद सभी विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की गई है और जफर अली को कोर्ट में पेश किया गया है. इसके बाद अब कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा.

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