- श्रावस्ती जिले के नवसहरा गांव की गुलिस्ता अपने देवर इमरान द्वारा दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग की शिकार हैं
- इमरान ने गुलिस्ता का न्यूड वीडियो बनाकर उसका इस्तेमाल करते हुए बार-बार उसे ब्लैकमेल किया
- जब गुलिस्ता ने शादी की बात कही तो इमरान ने मना कर पति को रास्ते से हटाने की साजिश रची
यूपी के श्रावस्ती जिले में एक पीड़िता न्याय की आस में दर-दर भटक रही है. यह पूरा मामला थाना कोतवाली भिनगा के नवसहरा गांव का है, जहां की निवासी गुलिस्ता (बदला हुआ नाम) अपने देवर के दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का शिकार हुई हैं. गुलिस्ता की आपबीती के अनुसार, लगभग तीन से चार साल पहले उनके देवर इमरान का उनके घर आना-जाना था. एक दिन घर में अकेली पाकर, इमरान ने मौका उठाया और गुलिस्ता को अपनी हवस का शिकार बनाया. यही नहीं, उसने इस दौरान गुलिस्ता का न्यूड वीडियो भी बना लिया. इसके बाद, इमरान ने उस न्यूड वीडियो के सहारे गुलिस्ता को लगातार ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और उन्हें बार-बार अपनी हवस का शिकार बनाता रहा.
पति को रास्ते से हटाने की साज़िश
देवर की इस हरकत से परेशान होकर, जब गुलिस्ता ने कहा कि वह अपने पति को धोखा नहीं दे सकती और इमरान को उनसे शादी कर लेने को कहा, तो इमरान ने शादी से इनकार कर दिया. इसके बजाय, इमरान ने गुलिस्ता के पति जुबैर को रास्ते से हटाने की साजिश रची और उन्हें खिलाने के लिए ज़हर लाकर दिया.
गुलिस्ता ने इस घिनौनी साज़िश का कड़ा विरोध किया. विरोध करने पर, इमरान ने गुलिस्ता को ही खुद आत्महत्या कर लेने के लिए उकसाया. इससे टूटकर गुलिस्ता ने फांसी लगाने की कोशिश की, लेकिन पति जुबैर ने सही समय पर पहुंचकर उन्हें बचा लिया.
कोतवाली भिनगा से नहीं मिला न्याय, सिर्फ़ चाय
पति जुबैर के सामने जब गुलिस्ता ने अपने साथ हुई हैवानियत की पूरी कहानी सुनाई, तो जुबैर ने अपनी पत्नी का साथ दिया और न्याय के लिए उन्हें थाना कोतवाली भिनगा ले गए.
हालांकि, थाने में पहले से ही देवर इमरान की पहुंच थी. नतीजा यह हुआ कि गुलिस्ता की एक भी बात नहीं सुनी गई. पीड़िता हर रोज़ न्याय की आस में थाने के चक्कर काटती रही, लेकिन कथित तौर पर कोतवाल साहब हर बार उन्हें 'चाय पिलाकर' वापस भेज देते थे और कोई कार्रवाई नहीं की गई.
SP राहुल भाटी से गुहार, जांच शुरू
लगातार पांच महीने तक न्याय के लिए दर-दर भटकने के बाद, आखिरकार गुलिस्ता आज (गुरुवार) पुलिस अधीक्षक (SP) राहुल भाटी से मिल सकीं. SP राहुल भाटी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई की. इस पूरे मामले की जांच CO (सर्किल ऑफिसर) को सौंप दी है. अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या SP साहब की त्वरित कार्रवाई से पीड़िता गुलिस्ता को न्याय मिल पाता है, या उन्हें कोतवाल साहब की तरह 'चाय पिलाकर' बिना न्याय के वापस भेज दिया जाता है.