- श्रावस्ती के भयापुरवा गांव में 150 लोगों को प्रलोभन देकर ईसाई धर्म में शामिल कराने के आरोप में 2 लोग गिरफ्तार
- गिरफ्तार अभियुक्त एक ही परिवार के सदस्य हैं जो पंजाब स्थित चर्च से प्रशिक्षण लेकर अवैध धर्मांतरण कर रहे थे
- पुलिस ने बताया धर्मांतरण के दौरान गहने, अनाज, इलाज,आर्थिक प्रलोभन देकर लोगों को धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था
श्रावस्ती जिले में भारत-नेपाल के सीमावर्ती भयापुरवा गांव में पुलिस ने हिन्दू धर्म के महाउत समुदाय के करीब 150 लोगों को कथित तौर पर प्रलोभन देकर ईसाई धर्म में शामिल कराए जाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार चारों नामजद अभियुक्त एक ही परिवार के हैं तथा इनमें से दो सगे भाई जालंधर (पंजाब) स्थित आर.एम.एस. चर्च नामक ईसाई मिशनरी से प्रशिक्षण लेकर पिछले चार-पांच महीनों से श्रावस्ती में अवैध धर्मांतरण की मुहिम चला रहे थे.
पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि रविवार को जिस धर्म सभा में लोगों को बरगलाने व प्रलोभन देकर धर्मांतरण की तैयारी चल रही थी वहां पुलिस पहुंची तो कुछ लोगों ने पुलिस टीम पर ही हमला बोल दिया. पुलिस अधीक्षक राहुल भाटी ने संवाददाताओं को बताया, ''श्रावस्ती जिले के हरदत्तनगर गिरन्ट थाना क्षेत्र के भयापुरवा गांव में रविवार को लगभग 150 लोग एक सामूहिक धर्मांतरण कार्यक्रम में मौजूद थे. वहां पर लोगों को गहने, अनाज, खाने पीने की वस्तुएं, बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिये इलाज और आर्थिक प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था. सूचना मिलने पर पुलिस ने छापेमारी की तो वहां इस क्रियाकलाप के पर्याप्त साक्ष्य मिले.''
उन्होंने बताया कि सामूहिक रूप से धर्मांतरण कराने की गतिविधियों में लिप्त गांव निवासी कुंदन तथा उसके पुत्र राजेश कुमार उर्फ गुल्लू समेत कुल चार लोगों के विरुद्ध रविवार को हरदत्तनगर गिरन्ट थाने में उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. दो अभियुक्त राजेश उर्फ गुल्लू (पुत्र) व कुंदन (पिता) को रविवार को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। शेष दो अभियुक्त फरार हैं. टीम गठित कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस ने मौके पर बाइबल की 10 प्रतियां, ईसाई धर्म की दो अन्य पुस्तकें, 197 लाइसेंसी कार्ड, 198 रजिस्ट्री परिचय पत्र, 484 दीक्षा प्रमाण पत्र, 21 बैंक पासबुक सरीखे कुछ दस्तावेज बरामद किये हैं. बरामद पासबुक प्रार्थना सभा में आए उन व्यक्तियों की हैं जिनको प्रलोभन के लिये आर्थिक सहायता के तौर पर उनके खातों में धन भेजा जाता था.
भाटी ने कहा कि अभियुक्तों के खातों, मोबाइल नंबरों के इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस द्वारा व अन्य माध्यमों से आर्थिक गतिविधियों को खंगाल कर उन्हें बाहर से मिल रहे वित्तपोषण और अन्य सहायता का पता लगाया जा रहा है. जांच में चार नामजद अभियुक्तों के अतिरिक्त किसी अन्य का नाम सामने आया तो उनके खिलाफ भी मामला दर्ज होगा.' उन्होंने कहा कि मौके पर पहुंची पुलिस टीम पर पथराव करने वालों की पहचान कर सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.














