लोकसभा में मंगलवार को चुनाव सुधार और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पर हुई चर्चा के दौरान कुछ हल्फे-फुल्के क्षण भी आए. चर्चा की शुरुआत कांग्रेस के सदस्य मनीष तिवारी ने की. उन्होंने चुनाव आयुक्तों की चयन प्रक्रिया, चुनाव से पहले पैसे देने की योजनाओं पर रोक लगाने और चुनाव को बैटेल पेपर पर कराने का सुझाव दिया. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी उनके इन सुझावों का समर्थन करते हुए कहा कि थोड़े दिनों पर कांग्रेस में सुधार आया है, इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद और बधाई देता हूं.
कांग्रेस को अखिलेश यादव ने क्यों दी बधाई
चुनाव सुधार और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ''कांग्रेस के सुझावों से मैं सहमत हूं.थोड़े दिनों पर कांग्रेस में सुधार आया है, इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद और बधाई देता हूं. उन्होंने कहा और मेरा भी यह सुझाव है कि चुनाव बैलेट पेपर पर होना चाहिए.बैलेट पेपर पर चुनावल इसलिए होना चाहिए कि बहुत सवाल उठ रहे हैं और ऊंगली उठ रही है. इलेक्ट्रानिक चीजों पर बहुत सवाल उठ रहे हैं, केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी.''
सपा प्रमुख ने अपने भाषण में उत्तर प्रदेश में डिटेंशन सेंटर बनाने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ''सुनने में आ रहा है कि यूपी में आधार कार्ड को नहीं माना जा रहा है.आधार जैसा कार्ड जिसमें सबकुछ डाक्यूमेंटेड है, उसमें आपका फिंगर है, आपकी आई है, आपकी पूरी डिटेल है, उसके बाद भी आधार कार्ड को नहीं माना जा रहा है. इसका मतलब यह है कि यह एसआईआर नहीं है, इसमें अंदर ही अंदर एनआरसी वाला काम कर रहे हैं. हमने उत्तर प्रदेश में सुना है कि वहां के मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि हम डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं.एसआईआर में जिसका नाम नहीं है, उसके लिए डिटेंशन सेंटर की जरूरत क्यों है. एनआरसी का जो काम ये खुलकर नहीं कर सकते थे, वो यह एसआईआर के नाम पर कर रहे हैं. ''
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