अखिलेश यादव का योगी सरकार पर बड़ा आरोप, कहा- यूपी में SIR के नाम पर NRC हो रहा है

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर एसआईआर के नाम पर एनआरसी करवाने का आरोप लगाया है. मंगलवार को लोकसभा में चुनाव सुधार और एसआईआर पर हुई चर्चा में उन्होंने ये आरोप लगाए.

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लोकसभा में मंगलवार को चुनाव सुधार और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पर चर्चा की शुरुआत हुई. चर्चा की शुरुआत कांग्रेस के सदस्य मनीष तिवारी ने की. इसमें समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी भाग लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में सरकार एसआईआर के नाम पर एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप) करवा रही है. उनका इशारा प्रदेश में विदेशी नागरिकों के लिए खोले गए डिटेंशन सेंटर की ओर था.

अखिलेश यादव ने एसआईआर पर क्या कहा

चुनाव सुधार और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश यादव ने कहा, '' सुनने में आ रहा है कि यूपी में आधार कार्ड को नहीं माना जा रहा है.आधार जैसा कार्ड जिसमें सबकुछ डाक्यूमेंटेड है, उसमें  आपका फिंगर है, आपकी आई है, आपकी पूरी डिटेल है, उसके बाद भी आधार कार्ड को नहीं माना जा रहा है. इसका मतलब यह है कि यह एसआईआर नहीं है, इसमें अंदर ही अंदर एनआरसी वाला काम कर रहे हैं. हमने उत्तर प्रदेश में सुना है कि वहां के मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि हम डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं.एसआईआर में जिसका नाम नहीं है, उसके लिए डिटेंशन सेंटर की जरूरत क्यों है. एनआरसी का जो काम ये खुलकर नहीं कर सकते थे, वो यह एसआईआर के नाम पर कर रहे हैं. ''

उन्होंने कहा, '' मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि किसी बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) को कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है. बीएलओ को यह तक नहीं पता है कि कौन सा फॉर्म किसे देना है. हमने देखा है कि दिल्ली के एक वोटर ने दो जगहों पर वोट डाला था. ''

सपा प्रमुख ने उत्तर प्रदेश में एसआईआर में लगे कर्मचारियों की मौत और आत्महत्या का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने मांग की कि सरकार एसआईआर के दौरान मरे कर्मचारियों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे.

दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए हर मंडल में डिटेंशन सेंटर बनाने के आदेश दिया है. इसके साथ ही प्रदेश के 17 नगर निकायों को अपने अधिकार क्षेत्र में रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की सूची बनाने को कहा गया है. ये डिटेंशन सेंटर इन्हीं रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के लिए बनाया जाएगा. इसमें फॉरेनर्स एक्ट और पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन करने वाले विदेशी नागरिकों को प्रत्यर्पण से पहले तक रखा जाएगा. 

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